बिलासपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने 85 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बिलासपुर की बात करें तो जिले की छह विधानसभाओं में से पार्टी ने 5 में उम्मीदवार उतारे हैं.वहीं एक सीट पर अब भी प्रत्याशी का ऐलान होना बाकी है.वहीं बात कांग्रेस की करें तो अब तक कांग्रेस की ओर से सूची जारी नहीं हुई है.लिहाजा अब सामाजिक संगठन टिकट के लिए पुरजोर मांग कर रहे हैं. बिलासपुर में ब्राह्मण और राजपूत समाज के बाद साहू समाज ने टिकट के लिए दावा किया है. बिलासपुर जिले की बात करें तो साहू समाज की संख्या 2 लाख से ज्यादा है.लिहाजा अब समाज राजनीतिक दलों से प्रतिनिधित्व की मांग कर रहा है.
साहू समाज ने दी चेतावनी : साहू समाज के प्रतिनिधियों की माने तो बीजेपी ने जिले की पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.इन पांचों सीटों पर साहू समाज से किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारा गया है.उनके पास अब एक सीट का मौका है.वहीं कांग्रेस ने अभी तक छह सीटों में से किसी में भी प्रत्याशी नहीं उतारे हैं.ऐसे में दोनों ही दलों के पास साहू समाज से किसी को टिकट देने का मौका है.
बिलासपुर साहू समाज के महामंत्री पप्पू साहू ने कहा कि जिले में साहू समाज की दो लाख की संख्या है.ये संख्या छोटी संख्या नहीं होती. इसलिए उनके समाज के किसी एक व्यक्ति को राष्ट्रीय पार्टियों से एक टिकट दिया जाना चाहिए.
''साहू समाज का सामाजिक और राजनीति दोनों में अच्छी दखल है. दोनों ही पार्टी कांग्रेस और बीजेपी में साहू समाज के बड़े लीडर और मंत्री तक पहुंच गए हैं. ऐसे में बिलासपुर जिले में साहू समाज के एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाना समाज के लिए अन्याय होगा.'' पप्पू साहू, महामंत्री साहू समाज
टिकट नहीं दिया गया तो समाज स्वतंत्र : पप्पू साहू ने टिकट नहीं मिलने पर बगावत से इनकार किया है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि यदि समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा तो समाज के मतदाता स्वतंत्र हैं कि वो किस पार्टी को वोट दें. पप्पू साहू की बातों से साफ है कि भले ही समाज बगावत ना करें लेकिन एकमत होकर किसे वोट दिया जाए.इस पर चर्चा जरुर हो सकती है.
क्यों समाज मांग रहा है टिकट ? : विधानसभा चुनाव में वोट से लेकर मतदाताओं तक जातिगत समीकरण के अनुसार टिकट वितरण किया जाता है.बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां उस समाज को ज्यादा महत्व देती हैं,जिनकी संख्या विधानसभा में ज्यादा है. वहीं समाज से जुड़े व्यक्ति को टिकट देने का फायदा भी पार्टियों को होता है. क्योंकि समाज से व्यक्ति चुनने के लिए ज्यादातर मतदाता सामने आते हैं. अब देखना ये होगा कि साहू समाज की चेतावनी को बीजेपी और कांग्रेस किस रुप में लेती है.