बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल में आगजनी का मामला सामने आया है. सिम्स अस्पताल में एसी डक्ट में शार्ट सर्किट होने गया था. जिसकी वजह से पूरा कमरा धुंए से भर गया था. हालांकि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. नहीं तो आगजनी से अस्पताल को करोड़ों का नुकसान हो सकता था. अस्पताल प्रबंधन एसी की जांच करावाने का बात कह रही है.
समय रहते आग पर पाया काबू: दरअसल, सिम्स अस्पताल में आए दिन कुछ न कुछ घटनाएं सामने आते रहती है. शनिवार की देर शाम रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में धुआं उठने लगा. इस दौरान स्टाफ की नजर उस पर पड़ी, तो सभी फौरन सतर्क हो गए और धुएं वाले कमरे की ओर जाने लगे. इसके पहले कि स्टाफ कुछ समझ पाता, जोर की आवाज के साथ सेंट्रल एसी बंद हो गया. जिसके बाद स्टाफ ने आग को तत्काल अग्निशमन यंत्र से काबू में कर लिया गया.
कैसे लगी थी आग? : सिम्स अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया जा रहा है कि, शार्ट सर्किट के कारण एसी डक्ट में आग लग गई थी. आग लगने की सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचकर इलेक्ट्रीशियन ने कनेक्शन कट किया. जिससे मशीन में लगने वाली आग ज्यादा नहीं फैली. एसी बंद होते ही एमआरआई, सोनोग्राफी और एक्स-रे मशीन को भी सुरक्षित रखने तत्काल बंद कर दिया गया. इसके साथ ही दो-तीन मरीज जो वहां पहुंचे हुए थे, उन्हें भी बाहर भेजा गया. जिसके बाद स्टाफ ने समय रहते आग पर काबू पा लिया.
घटना में कोई हताहत नहीं: मौके पर मौजूद स्टाफ ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. अधिकारियों के निर्देश पर वायरिंग चेक कराया गया है. अधिकारीयों का कहना है कि एक दो दिन के भीतर टेक्नीशियन बुलाकर सेंट्रल डक्ट के एसी और वायरिंग की जांच कराई जाएगी. जिसके बाद फिर से एसी चालू की जाएगी. फिलहाल घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है और सभी मशीनें सुरक्षित हैं.
बताया जा रहा है कि रेडियोलॉजी विभाग के अंतर्गत एमआरआई, सोनोग्राफी और एक्स-रे मशीन रखी गई है. यह तीन मशीन टेस्ला कंपनी और एसईसीएल के सीएसआर फंड से स्थापित कराई गई है.