बिलासपुर: भुखमरी से बच्ची की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने वित्त और समाज कल्याण विभाग के सचिव से जवाब मांगा है. 22 अगस्त को शपथ पत्र के साथ जवाब देने का निर्देश कोर्ट ने दिया है.
क्या है पूरा मामला: घटना 2017 की है. रायपुर के एक एनजीओ पितांबरा में एक बच्चे की मौत हो गई थी. जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि बच्चे की मौत भूख की वजह से हुई है. इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया. क्योंकि एनजीओ में शासकीय अनुदान के करोड़ों रुपये आते थे. समाज कल्याण विभाग के सचिव डॉ संजय अलग ने कहा था कि FIR होनी चाहिए. बड़ी रकम की हेरफेर का मामला सामने आया. इस बात का खुलासा हुआ कि समाज कल्याण विभाग की तरफ से पितांबरा संस्था समेत चार संस्थाओं को 9 करोड़ 76 लाख रुपए दिए गए थे. मामले में ईडी तक शिकायत हुई.
इस मामले में संस्था कोपलवाड़ी ने पहले ही राज्य के बड़े प्रशासनिक अफसरों से लिखित शिकायत की थी. इसमें से पितांबरा व कुछ अन्य संस्थाओं में 2014 से लेकर अब तक अलग-अलग 8 बच्चों की मौत हो गई है. इनमें से जब 2017 में एक घटना पितांबरा में हुई तो इसकी शिकायत की गई. मामला कोर्ट तक पहुंचा.
बच्चे की मौत के बाद मामला पहुंचा हाई कोर्ट: दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रही संस्था गोपालवाड़ी रायपुर ने इसे लेकर एडवोकेट जेके गुप्ता देवर्षि सिंह के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में PIL लगाई. इसमें कहा गया कि सरकार की तरफ से दी गई राशि का दुरुपयोग हो रहा है. जो लोग इस क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाती. इतनी बड़ी रकम होने के बाद भी बच्चे की यह स्थिति भयावह है. इस मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने राज्य शासन के दोनों सचिवों से शपथ पत्र पर लिखित जवाब मांगा है. 22 अगस्त को जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं.