बिलासपुर: बिलासपुर जिले की 6 विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. जिले की 6 सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए जाने से कांग्रेस में खुशी की लहर है. यहां की 6 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा की है. इन उम्मीदवारों में कांग्रेस ने दो सिटिंग एमएलए और दो पूर्व विधायक जो पिछले चुनाव में हार गए थे उन्हें मैदान में उतारा है. जबकि दो सीटों पर संगठन से नेताओं को उतारा गया है. दो सिटिंग एमएलए में तखतपुर विधायक रश्मि आशीष सिंह, बिलासपुर शहर विधायक शैलेश पांडेय को टिकट दिया गया है. मस्तूरी से दिलीप लहरिया और बिल्हा से सियाराम कौशिक पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इन उम्मीदवारों पर जताया भरोसा
1. बिलासपुर विधानसभा सीट: बिलासपुर विधानसभा सीट में विधायक शैलेष पांडेय पर कांग्रेस ने फिर अपना उम्मीदवार बनाया है. शैलेश पांडेय वैसे तो बाहर के रहने वाले हैं, लेकिन बिलासपुर के कार्यकर्ताओं से लगातार उन्होंने संपर्क बनाए रखा. पिछली बार शैलेष पांडेय ने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को 11000 वोटों से हराया था. अमर अग्रवाल 1998 से लेकर 2018 तक बिलासपुर के विधायक रहे हैं. अमर अग्रवाल चार बार विधायक और भाजपा शासन काल में तीन बार मंत्री भी रहे हैं. इस बार फिर दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होगा.
2. बिल्हा विधानसभा सीट: बिलासपुर जिले की बिल्हा विधानसभा सीट में कांग्रेस ने पूर्व विधायक सियाराम कौशिक को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. सियाराम कौशिक कांग्रेस की टिकट से चुनाव जीते थे. लेकिन बाद में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जेसीसीजे पार्टी ज्वाइन की और जेसीसीजे की टिकट से चुनाव लड़े थे. लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और कांग्रेस ने उन्हें बिल्हा से उम्मीदवार बनाया है.
3. मस्तूरी विधानसभा सीट: मस्तूरी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व विधायक दिलीप लहरिया को टिकट दिया है. दिलीप लहरिया को पार्टी ने 2013 में पहली बार टिकट दिया था. तब पहली बार में दिलीप ने भाजपा के पूर्व मंत्री डॉ कृष्णमूर्ति बांधी से मस्तूरी सीट छीन ली थी. इसी भरोसे पर उन्हें 2018 में दोबारा टिकट दिया, लेकिन इस बार दिलीप लहरिया अपने प्रतिद्वंदी डॉ कृष्णमूर्ति बांधी से हार गए. अब एक बार फिर दोनों एक दूसरे के सामने हैं. दिलीप लहरिया एससी समाज से आते हैं. खेती किसानी के साथ ही उन्हें क्षेत्रीय संगीत में महारत हासिल है.
4. कोटा विधानसभा सीट: कोटा विधानसभा सीट को कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. कांग्रेस ने राज्य पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को यहां से उम्मीदवार बनाया है. अटल श्रीवास्तव इससे पहले बिलासपुर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू से हार गए थे. इस बार पार्टी ने उन्हें विधायकी का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. अटल श्रीवास्तव जिले में कांग्रेस के बड़े नेता कहलाते हैं. यही कारण है कि पार्टी उन पर बार-बार भरोसा करती है. आपको बता दें कि भाजपा ने कोटा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिलासपुर लोकसभा के पूर्व सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को अपना उम्मीदवार बनाया है. माना जा रहा है कि कोटा का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होगा. क्योंकि इन दोनों बड़े नेताओं के साथ रेणु जोगी भी इस बार चुनाव लड़ सकती हैं. जिससे यह मुकाबला रोचक हो सकता है.
5. तखतपुर विधानसभा सीट: तखतपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए रश्मि आशीष सिंह पर दोबोरा भरोसा जताया है. रश्मि सिंह के पिता रोहिणी बाजपेयी सांसद रहे हैं. रश्मि सिंह के ससुर बलराम सिंह ठाकुर तखतपुर से पहले विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा विधायक रश्मि सिंह के पति भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के काफी करीबी हैं. वहीं भाजपा ने हाल ही में पार्टी ज्वाइन किए लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह को मौका दिया है. धर्मजीत सिंह लोरमी से दो बार कांग्रेस से और एक बार जेसीसीजे से विधायक रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है रश्मि सिंह के साथ टक्कर की स्थिति रहेगी. दोनों ही ठाकुर जाति से आते हैं और तखतपुर में राज्य बनने के बाद 20 साल तक भाजपा और कांग्रेस के ठाकुर जाति के विधायक रहे हैं. जिससे माना जा रहा है कि मुकाबला टक्कर का रहेगा.
6. बेलतरा विधानसभा सीट: बेलतरा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी को अपना उम्मीदवार बनाया है. विजय केसरवानी भी विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरण दास महंत के करीबी हैं. उन्हें लगातार दो बार जिला अध्यक्ष बनाया गया है. इसके पहले भी वे संगठन के कई पदों पर आसीन रहे हैं. विजय केसरवानी सीएमडी कॉलेज में छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे हैं और तभी से उनकी राजनीतिक पारी शुरु हुई थी. बेलतरा विधानसभा में वैसे तो कांग्रेस पिछले 20 सालों से लगातार हार का सामना कर रही है.