बिलासपुर: बिलासपुर सामान्य सभा की बैठक में सभापति के सवाल पूछने के दौरान जुबान फिसल गई. सवाल पूछने के मामले में सभापति ने महिलाओं को पुरौनी कहकर संबोधित किया. जिसके बाद सभा में हंगामा हो गया. उन्होंने कहा भाजपा के सवाल पूछने का समय हो गया है. लेकिन वो पुरौनी में महिलाओ को समय दे सकते हैं. जिससे भाजपा महिला पार्षद ने आपत्ति दर्ज कराई.
दरअसल, नगर निगम की सामान्य सभा गुरुवार को हुई. सामान्य सभा में 943 करोड़ 46 लाख रुपए का बजट पेश हुआ. सामान्य सभा काफी हंगामेदार रही. 7 माह बाद हुए सामान्यसभा में पार्षदों ने अपने वार्डो की समस्या के लिए सवाल लगाए थे. विधानसभा की तरह बिलासपुर नगर निगम में सामान्य सभा में प्रश्नकाल रहता है, जिसमें पार्षद सवाल लगाते हैं और महापौर और एमआईसी सदस्य जवाब देते है. सामान्य सभा में प्रश्न काल चल रहा था. जिसमें भाजपा पार्षददल ने नए जुड़े वार्डों के विकास नहीं होने की वजह से सदन में हंगामा किया. पार्षद रविन्द्र सिंह के आवास आबंटन पर लगे प्रश्न को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. सदन के अध्यक्ष के उस बात पर भाजपाई पार्षदों ने कड़ा विरोध किया, जिसमे अध्यक्ष ने कह दिया कि भाजपा शासन काल पर अवैध तरीके से मकानों की बंदरबांट हुई थी. भाजपाइयों ने मकानों को रेवड़ी की तरह बांट दिया था. अध्यक्ष के इस बात को लेकर भाजपाइयों ने खूब हंगामा किया.
इसी तरह एक और एक मामले में महिला पार्षद ने सभापति ने कथनों का विरोध किया, जिसमें उन्होंने भजपा महिला पार्षदों को पुरौनी में समय देने की बात कही और एक महिला पार्षद ने सभापति के इस शब्द का विरोध कर दिया. नगर निगम की सामान्य सभा के दौरान सदन के अध्यक्ष शेख नजीरुद्दीन की ज़ुबान फिसल गई. भाजपा के 5 पार्षदों को सवाल पूछने की अनुमति देने के बाद और सवाल पूछे जाने के बाद अध्यक्ष ने कहा कि 5 पार्षदों के प्रश्न हो गए हैं. अगर महिलाएं सवाल पूछना चाहे तो वो उन्हें "पुरौनी" के तौर पर सवाल पूछने की अनुमति दे रहे हैं.
अध्यक्ष शेख नजीरुद्दीन की इस बात पर महिला पार्षद ने विरोध कर दिया. महिला पार्षद सुनीता मानिकपुरी ने खड़े होकर अध्यक्ष के इस कथन को वापस लेने कहा. वार्ड नंबर 15 विकाश नगर की पार्षद ने कहा कि जिस तरह महिलाओं के लिए आपने "पुरौनी" शब्द कहा है... ये अशोभनीय है. आप अपने इस गंदे से शब्द को वापस लें. पार्षद के विरोध के बाद अध्यक्ष शेख नजीरुद्दीन ने मामले को उलझता देश कहा कि सदन में हंसी मजाक होना चाहिए... कह कर पार्षद को कड़े शब्दों में चुप कराकर बैठने कहकर बैठा दिया.