बिलासपुर: आज के ही दिन कांग्रेस पार्टी लंबे अंतराल के बाद छत्तीसगढ़ में काबिज हुई थी. ठीक दो साल पहले भूपेश सरकार ने प्रदेश की बागडोर संभाला थी. ETV भारत इस बीच लगातार जनप्रतिनिधियों से खास मुलाकात को आपके सामने पेश कर रहा है. प्रदेश सरकार के दो साल होने के बाद बिलासपुर सांसद अरुण साव ने भी अपनी प्रतियक्रिया देते हुए भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा.
दो साल के बाद प्रदेश की स्थिति के सवाल पर जवाब देते हुए अरुण साव प्रदेश सरकार की नाकामियों को गिनाते नजर आए. सांसद साव ने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो बड़े-बड़े वादों के साथ प्रदेश की जनता को लुभाया था. लेकिन आज जब हम इस सरकार के दो साल बाद मूल्यांकन करते हैं, तो सरकार हर मोर्चे पर नाकाम नजर आ रही है. सरकार एक भी वादों को पूरा करने में कामयाब नहीं है. सांसद ने बताया कि सरकार न तो किसानों को 2500 प्रति क्विंटल धान देने के वादे को पूरा कर पाई, न दो साल का बोनस दिया, न शराबबंदी की, न बेरोजगारी भत्ता दिया, न संविदा कर्मचारी नियमित हुए और न ही विकासकार्यों को अंजाम दिया गया.
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प्रदेश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार चरम पर
सांसद ने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार चरम पर है. प्रदेश में अनाचार के मामलों में वृद्धि हुई है. यहां रेत माफियाओं और भू-माफिया का राज चल रहा है. चारों तरफ घोर भ्रष्टाचार है. सरकार का अपने प्रशासन पर नियंत्रण बिल्कुल नहीं है. जनता परेशान है. उनकी सुननेवाला कोई नहीं है.
धान खरीदी में अनियमितता की शिकायत
प्रदेश में चल रहे धान खरीदी को लेकर भी सांसद भूपेश सरकार पर जमकर बरसे. अरुण साव ने कहा कि धान खरीदी में बारदाने की कमी, रकबा कम करने की शिकायत से वे आए दिन रूबरू होते रहते हैं. प्रदेश का हर वर्ग इस सरकार से परेशान है.
उपचुनावों के परिणाम से सरकार का आंकलन करना गलत
मरवाही उपचुनावों में लगातार मिली नाकामियों पर बचाव करते हुए सांसद ने कहा कि उपचुनावों का परिणाम अक्सर सत्ताधारी सरकार के पक्ष में जाता है. उपचुनावों के परिणाम से सरकार का आंकलन नहीं किया जा सकता. सांसद ने कोरोना आपदा पर भी सरकार को घेरा. साव ने कहा कि कोरोना की आपदा में सरकार की ओर से लोगों को मदद कम ही मिली है. इस बीच रोजगार मूलक काम नहीं किए गए.