बिलासपुर: हाईकोर्ट की डबल बेंच ने नर्सिंग के पदों पर महिलाओं के सौ फीसदी आरक्षण को अवैधानिक करार दिया है. मेडिकल एजुकेशन में राजपत्रित सेवा भर्ती नियम 2013 के 3 में निर्धारित आक्षेपित छत्तीसगढ़ पीएससी के जारी दिसंबर 2021 के सेक्शन-5 को असंवैधानिक मानते हुए भर्ती नियम और विज्ञापन को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी, जस्टिस एनके व्यास की डबल बेंच में 14 फरवरी 2023 को याचिका पर अंतिम सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने 9 मार्च 2023 को याचिका का अंतिम फैसला सुनाया है.
दिसंबर 2021 को 91 पदों के लिए जारी हुए थे विज्ञापन: याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर कहा था कि "छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 8 दिसंबर 2021 को शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक और प्रदर्शक के 91 खाली पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. जारी विज्ञापन के सेक्शन-5 में केवल महिला अभ्यर्थियों को पात्र माना गया था. विज्ञापन में केवल महिला अभ्यर्थी को ही आवेदन करने की छूट दी गई थी. याचिका में बताया गया था कि जून 2013 में छत्तीसगढ़ चिकिस्ता शिक्षा भर्ती नियम 2013 प्रकाशित किया गया था, जिसकी अनुसूची तीन में शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक और प्रदर्शक के पद पर महिलाओ को मौका दिया गया है जबकि पुरुष भी इस पद पर भर्ती ले सकते हैं."
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अनुच्छेद 14 और 16 के उल्लंघन का दिया था तर्क: याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन का तर्क दिया था. कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 13 जनवरी 22 को याचिका की सुनवाई में विज्ञापन में किए जाने वाले सभी भर्ती प्रक्रियाओं को आगामी सुनवाई तक निरस्त कर दिया था. साथ ही शासन को जवाब पेश करने के लिए कहा था.