बिलासपुर: रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है. इससे पहले मिठाईयों की डिमांड बढ़ गई है. यही कारण है कि बाजारों में खोवा की भी बिक्री बढ़ी है. बिलासपुर शहर के शनिचरी बाजार में खोवा मंडी लगती है. खोवा मंडी में इन दिनों ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है. होटल व्यापारी और मिठाई दुकान से खोवा का ऑर्डर अधिक मिल रहा है. इस बाजार में सबसे अधिक ग्राहक राजस्थान के धौलपुर, मध्य प्रदेश के मुरैना और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों से खोवा लेने पहुंचते हैं. इसके अलावा अलग-अलग गांवों से भी लोग इस बाजार में खोवा लेने आते हैं.
पेंड्रा में मिलता है बेहतर खोवा: बिलासपुर के शनिचरी बाजार के खोवा मंडी में जिले के अलग-अलग गांवों से मावा आता है. बाजार में सबसे अधिक डिमांड पेंड्रा के खोवा की है. ग्राहकों की मानें तो पेंड्रा का खोवा बेस्ट क्वालिटी का होता है. बाजार में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा आम लोग भी इस त्यौहारी सीजन में खोवा लेने पहुंचते. यही कारण है कि यहां खोवा की खपत में 30 फीसद की बढ़ोतरी और कीमत में 10 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिले का सबसे बड़ा खोवा मंडी होने के कारण यहां रोजाना ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ती है. खासकर दूसरे राज्य के ग्राहक पेंड्रा का खोवा लेने पहुंचते हैं.
बाजार में इस समय ग्राहकों की भीड़ बढ़ रही है. राखी के कारण होटल व्यापारी मिठाई के लिए खोवा लेने आते हैं. आम लोग भी इन दिनों खोवा लेने पहुंच रहे हैं. अचानक खोवा की डिमांड बढ़ने से खोवा की पूर्ति में दिक्कतें हो रही है. बिक्री बढ़ने के कारण दाम बढ़ाए गए हैं. दूसरे राज्य से भी ग्राहक पहुंच रहे हैं. -अभिषेक गुरमलिया, खोवा व्यापारी, शनिचरी बाजार
जानिए क्यों पेंड्रा का खोवा होता है खास: शनिचरी बाजार में पेंड्रा के खोवा की डिमांड अधिक है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में अच्छी क्वालिटी का खोवा मिलता है. इसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में गायों को जंगल ले जाकर चारा खिलाया जाता है. यहां हरे घास के अलावा जानवर महुआ के फल, बीज और पत्ते भी खाते हैं. इससे गाय का दूध अच्छी क्वालिटी का होता है. इस दूध से बने खोवा का रंग लाल होता है और ये खोवा स्वादिष्ट भी होता है. इस खोवा से बनी मिठाईयां काफी टेस्टी बनती है. इसलिए पेंड्रा का खोवा मंडी पहुंचते ही बिक जाती है.