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Bilaspur High Court :बिलासपुर हाईकोर्ट से सुब्रत साहू और डीएम अवस्थी ने मांगी माफी, अवमानना की याचिका कोर्ट ने की निराकृत - सुब्रत साहू

Bilaspur High Court बिलासपुर हाईकोर्ट में राज्य सरकार के दो अफसरों ने अवमानना का नोटिस मिलने के बाद माफी मांगी है. मामला 13 साल पुरानी नियुक्ति से जुड़ा था.जिसमें याचिकाकर्ताओं ने प्रमोशन की मांग की थी.इसके लिए हाईकोर्ट ने मामले को निराकृत करने के लिए साल 2019 में गृह सचिव और डीजीपी को 6 माह का समय दिया गया था.लेकिन छह माह बीत जाने पर भी मामले का निराकरण नहीं हुआ.जिस पर कोर्ट ने दोनों अफसरों को अवमानना का नोटिस जारी किया था.

Bilaspur High Court
बिलासपुर हाईकोर्ट से सुब्रत साहू और डीएम अवस्थी ने मांगी माफी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 2, 2023, 7:22 PM IST

बिलासपुर : राज्य सरकार के दो अफसरों ने हाईकोर्ट के निर्देश की अवमानना करने को लेकर माफी मांगी है.जिसके बाद हाईकोर्ट ने अवमानना का मामला निराकृत कर दिया है. राज्य सरकार के पूर्व गृह सचिव सुब्रत साहू और पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी को हाईकोर्ट ने साल 2010 में पुलिस विभाग में नियुक्ति के मामले में प्रमोशन के लिए निर्देशित किया था.जिसके लिए छह महीने का समय दिया गया था. लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी राज्य के गृह सचिव और डीजीपी ने आदेश का पालन नहीं किया. जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी.

अधिकारियों ने कोर्ट से मांगी लिखित में माफी : इस मामले में कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. जिस पर दोनों अधिकारियों ने लिखित में माफीनामा कोर्ट में जमा किया. जिस पर कोर्ट ने अवमानना का मामला निराकृत कर दिया. आपको बता दें कि मामला साल 2010 में पुलिस विभाग में हेड कॉन्सटेबल (नर्सिंग) और सहायक प्लाटून कमान्डर (एपीसी) नर्सिंग के पद पर नियुक्ति में प्रमोशनल चैनल स्थापित करने का निर्देश था. जिसे लेकर अवमानना की गई थी. मामले में कोर्ट ने माफी मांगने पर दोनों अधिकारियों को माफ कर दिया है.

क्या है पूरा मामला ? : पुष्पेन्द्र सिंह सेंगर और 35 अन्य याचिकाकर्ताओं की वर्ष 2010 में पुलिस विभाग में हेड कॉन्सटेबल (नर्सिंग) और सहायक प्लाटून कमान्डर (एपीसी) नर्सिंग के पद पर नियुक्ति हुई थी. साल 2010 से वे अपने नियुक्त पदों पर काम कर रहे थे. लेकिन इनके लिये कोई प्रमोशनल चैनल ना होने के कारण सभी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की. याचिका लगाने के बाद हाईकोर्ट ने 26 नवम्बर 2019 को राज्य के गृह सचिव सुब्रत साहू और डीजीपी डीएम अवस्थी को यह आदेशित किया कि वे संबंधित याचिकाकर्ताओं के प्रमोशन चैनल मामले का 6 महीने माह के अंदर निराकरण करें.

अवैध प्लाटिंग मामले में कांग्रेस नेता के खिलाफ हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
हाईकोर्ट में बघेल सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर दाखिल किया शपथ पत्र
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पेंशन राशि जारी कर वसूली के आदेश पर लगाई रोक

आदेश का नहीं किया था पालन : कोर्ट के निर्धारित छह माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी राज्य के गृह सचिव और डीजीपी ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने याचिकाकर्ता पुष्पेंद्र सिंह और अन्य ने हाई कोर्ट में एडवोकेट अभिषेक पांडेय और गीता देबनाथ के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि शासकीय सेवा में कर्मचारियों और अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने उन्हें उत्साहित करने और कार्य में निरंतर रूचि बनाए रखने के लिए उच्च पदों पर प्रमोशन का प्रावधान किया गया है.लेकिन गृहसचिव और डीजीपी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.जिस पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से जवाब मांगा था.

बिलासपुर : राज्य सरकार के दो अफसरों ने हाईकोर्ट के निर्देश की अवमानना करने को लेकर माफी मांगी है.जिसके बाद हाईकोर्ट ने अवमानना का मामला निराकृत कर दिया है. राज्य सरकार के पूर्व गृह सचिव सुब्रत साहू और पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी को हाईकोर्ट ने साल 2010 में पुलिस विभाग में नियुक्ति के मामले में प्रमोशन के लिए निर्देशित किया था.जिसके लिए छह महीने का समय दिया गया था. लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी राज्य के गृह सचिव और डीजीपी ने आदेश का पालन नहीं किया. जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी.

अधिकारियों ने कोर्ट से मांगी लिखित में माफी : इस मामले में कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. जिस पर दोनों अधिकारियों ने लिखित में माफीनामा कोर्ट में जमा किया. जिस पर कोर्ट ने अवमानना का मामला निराकृत कर दिया. आपको बता दें कि मामला साल 2010 में पुलिस विभाग में हेड कॉन्सटेबल (नर्सिंग) और सहायक प्लाटून कमान्डर (एपीसी) नर्सिंग के पद पर नियुक्ति में प्रमोशनल चैनल स्थापित करने का निर्देश था. जिसे लेकर अवमानना की गई थी. मामले में कोर्ट ने माफी मांगने पर दोनों अधिकारियों को माफ कर दिया है.

क्या है पूरा मामला ? : पुष्पेन्द्र सिंह सेंगर और 35 अन्य याचिकाकर्ताओं की वर्ष 2010 में पुलिस विभाग में हेड कॉन्सटेबल (नर्सिंग) और सहायक प्लाटून कमान्डर (एपीसी) नर्सिंग के पद पर नियुक्ति हुई थी. साल 2010 से वे अपने नियुक्त पदों पर काम कर रहे थे. लेकिन इनके लिये कोई प्रमोशनल चैनल ना होने के कारण सभी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की. याचिका लगाने के बाद हाईकोर्ट ने 26 नवम्बर 2019 को राज्य के गृह सचिव सुब्रत साहू और डीजीपी डीएम अवस्थी को यह आदेशित किया कि वे संबंधित याचिकाकर्ताओं के प्रमोशन चैनल मामले का 6 महीने माह के अंदर निराकरण करें.

अवैध प्लाटिंग मामले में कांग्रेस नेता के खिलाफ हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
हाईकोर्ट में बघेल सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर दाखिल किया शपथ पत्र
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पेंशन राशि जारी कर वसूली के आदेश पर लगाई रोक

आदेश का नहीं किया था पालन : कोर्ट के निर्धारित छह माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी राज्य के गृह सचिव और डीजीपी ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने याचिकाकर्ता पुष्पेंद्र सिंह और अन्य ने हाई कोर्ट में एडवोकेट अभिषेक पांडेय और गीता देबनाथ के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि शासकीय सेवा में कर्मचारियों और अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने उन्हें उत्साहित करने और कार्य में निरंतर रूचि बनाए रखने के लिए उच्च पदों पर प्रमोशन का प्रावधान किया गया है.लेकिन गृहसचिव और डीजीपी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.जिस पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से जवाब मांगा था.

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