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MGM ट्रस्ट मामला: बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

पूर्व IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता सहित उनके पिता जयदेव गुप्ता के खिलाफ एमजीएम (MGM) ट्रस्ट मामले में दर्ज FIR पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा है.

Hearing on MGM trust case
MGM ट्रस्ट मामले पर सुनवाई
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Published : Jun 10, 2020, 9:07 PM IST

बिलासपुर: पूर्व IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता के पिता जयदेव गुप्ता के खिलाफ एमजीएम (MGM) ट्रस्ट मामले में पर बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

मामले में EOW ने निलंबित अधिकारी मुकेश गुप्ता के साथ एमजीएम (MGM) के मुख्य ट्रस्टी उनके पिता जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर डॉक्टर दीपशिखा अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज किया था. इसपर जयदेव गुप्ता की ओर से याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) को निरस्त करने का कोर्ट से आग्रह किया है.

मुकेश गुप्ता पर 3 करोड़ गबन का आरोप

बता दें, पूर्व IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता पर एमजीएम (मिक्की मेमोरियल) ट्रस्ट के नाम पर 3 करोड़ रुपये गबन का आरोप लगा था. मुकेश गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने यह राशि गरीबों के निशुल्क मोतियाबिंद इलाज करने के लिए लिया था, लेकिन इस राशि का प्रयोग उन्होंने बैंकों के कर्ज निपटाने के लिए कर लिया.

कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच की ओर से की गई.

बिलासपुर: पूर्व IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता के पिता जयदेव गुप्ता के खिलाफ एमजीएम (MGM) ट्रस्ट मामले में पर बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

मामले में EOW ने निलंबित अधिकारी मुकेश गुप्ता के साथ एमजीएम (MGM) के मुख्य ट्रस्टी उनके पिता जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर डॉक्टर दीपशिखा अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज किया था. इसपर जयदेव गुप्ता की ओर से याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) को निरस्त करने का कोर्ट से आग्रह किया है.

मुकेश गुप्ता पर 3 करोड़ गबन का आरोप

बता दें, पूर्व IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता पर एमजीएम (मिक्की मेमोरियल) ट्रस्ट के नाम पर 3 करोड़ रुपये गबन का आरोप लगा था. मुकेश गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने यह राशि गरीबों के निशुल्क मोतियाबिंद इलाज करने के लिए लिया था, लेकिन इस राशि का प्रयोग उन्होंने बैंकों के कर्ज निपटाने के लिए कर लिया.

कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच की ओर से की गई.

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