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विभागीय पदोन्नति: सचिव, संचालक अभियोजन डीपीसी कराएं, HC का पात्र होने पर प्रमोशन का निर्देश - priya kaale Petition in bilaspur high court

बिलासपुर तिलक नगर निवासी प्रिया काले की याचिका पर हाईकोर्ट ने विभागीय पदोन्नति के मामले में सचिव अभियोजन और संचालक अभियोजन को नियमानुसार डीपीसी करने का आदेश जारी किया है.

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Published : Aug 4, 2020, 1:47 PM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने विभागीय पदोन्नति के मामले में सचिव अभियोजन व संचालक अभियोजन को नियमानुसार डीपीसी करने का आदेश जारी किया है. साथ ही याचिकाकर्ता को पदोन्नति का पात्र पाए जाने पर एडीपीओ के तौर पर प्रमोशन करने का निर्देश भी जारी किया गया है. इस केस की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में की गई है.

बता दें कि बिलासपुर तिलक नगर निवासी प्रिया काले ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें बताया गया था कि वह उपसंचालक अभियोजन कार्यालय बिलासपुर में गत 9 दिसंबर 2011 से बतौर सहायक ग्रेड 3 पर पदस्थ है. इनकी एडीपीओ के पद पर विभागीय पदोन्नति नहीं की गई.

पढ़ें : SPECIAL: छत्तीसगढ़ में लव-कुश की जन्म स्थली मातागढ़ तुरतुरिया को बनाया जाएगा इको-टूरिज्म स्पॉट

प्रमोशन की कार्रवाई नहीं की गई

अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ लोक अभियोजन भर्ती व पदोन्नति नियम 2008 में साफ लिखा है कि 10% पद विभाग के सहायक ग्रेड तीन कर्मचारियों से भरे जाएं, जिन की सेवा 7 साल से अधिक हो चुकी है और जो विधि स्नातक हो. वकील की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने निर्धारित मापदंड पूरी की है. सूचना के आधार पर यह जानकारी मिली है कि यहां विभागीय पद खाली है. इसके बाद भी 2019 और 2020 में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कर प्रमोशन की कार्रवाई नहीं की गई.

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने विभागीय पदोन्नति के मामले में सचिव अभियोजन व संचालक अभियोजन को नियमानुसार डीपीसी करने का आदेश जारी किया है. साथ ही याचिकाकर्ता को पदोन्नति का पात्र पाए जाने पर एडीपीओ के तौर पर प्रमोशन करने का निर्देश भी जारी किया गया है. इस केस की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में की गई है.

बता दें कि बिलासपुर तिलक नगर निवासी प्रिया काले ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें बताया गया था कि वह उपसंचालक अभियोजन कार्यालय बिलासपुर में गत 9 दिसंबर 2011 से बतौर सहायक ग्रेड 3 पर पदस्थ है. इनकी एडीपीओ के पद पर विभागीय पदोन्नति नहीं की गई.

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प्रमोशन की कार्रवाई नहीं की गई

अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ लोक अभियोजन भर्ती व पदोन्नति नियम 2008 में साफ लिखा है कि 10% पद विभाग के सहायक ग्रेड तीन कर्मचारियों से भरे जाएं, जिन की सेवा 7 साल से अधिक हो चुकी है और जो विधि स्नातक हो. वकील की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने निर्धारित मापदंड पूरी की है. सूचना के आधार पर यह जानकारी मिली है कि यहां विभागीय पद खाली है. इसके बाद भी 2019 और 2020 में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कर प्रमोशन की कार्रवाई नहीं की गई.

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