बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अभी वक्त है. बात यदि बिलासपुर की करें तो यहां से कांग्रेस के शैलेश पांडेय विधायक हैं. भाजपा से 15 साल मंत्री रहे अमर अग्रवाल यहां एक बार फिर अपनी दावेदारी कर सकते हैं. लेकिन अमर अग्रवाल को टिकट मिलेगा या नहीं ये संशय है.क्योंकि यदि प्रदेश में गुजरात फॉर्मूले के तर्ज पर टिकट बंटे तो यकीन मानिए कई दिग्गजों के टिकट कट जाएंगे.
टिकट की दावेदारी को लेकर खींचतान : बिलासपुर विधानसभा की सीट को लेकर बीजेपी में अभी से खींचतान शुरू हो गई है. लगभग आधा दर्जन उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी को लेकर दावा ठोंक रहे हैं.बिलासपुर विधानसभा के पूर्व विधायक अमर अग्रवाल लगातार चार बार विधायक रहे हैं. इस बार वो अपनी दावेदारी को मजबूत कर रहे हैं.लेकिन बीजेपी प्रदेश प्रभारी ने हारे हुए और निष्क्रिय विधायकों के टिकट काटने के संकेत दिए हैं. नतीजतन ऐसे नेता अपनी सीट बचाने के लिए अपने-अपने स्तर पर दिग्गजों के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.
क्यों है बिलासपुर की सीट महत्वपूर्ण: बिलासपुर सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि, इस सीट से जीतने वाले विधायकों को मंत्री पद से नवाजा जाता रहा है.बीजेपी के मूलचंद खंडेलवाल बिलासपुर विधानसभा जीत कर आए थे. उस समय मूलचंद अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री बने. इसके बाद 2003 से लेकर दो हजार अट्ठारह तक यहां से विधायक रहे अमर अग्रवाल लगातार मंत्री बनते रहे.
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पुराने नेता हुए सक्रिय : बिलासपुर विधानसभा सीट के लिए नए, पुराने नेता अपनी उम्मीदवारी के लिए प्रयास कर रहे हैं. चार साल तक नजर नहीं आने वाले नेताओं को आम जनता की समस्याएं नजर आने लगी है. वे जनता के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को जानने और समस्याओं के निपटारे के लिए प्रयास भी शुरू कर चुके हैं.