बिलासपुर: बिलासा हवाई अड्डा सुविधाओं के नाम पर लगातार महरुम होता जा रहा है. एयरपोर्ट के उद्घाटन से लेकर अब तक देखा जाए तो यहा सारी सुविधाएं हो जानी थी, लेकिन सुविधाओं का अभाव इतना ज्यादा है कि विमानों को इनविजिबिलिटी होने की वजह से कैंसिल किया जाता है या फिर रायपुर एयरपोर्ट में उतारा जाता है. जिसके चलते यात्रियों को कई परेशानियों से दो चार होना पड़ता है.
क्या है मुख्य वजह: बिलासपुर में हवाई सेवा तो शुरू किया गया है. लेकिन केवल चार महीनें ही यात्रियों को नियमित विमान सेवा मिलती है. बारिश और ठंड में विजिबिलिटी काम होने की वजह से फ्लाइट को रायपुर एयरपोर्ट या अन्य दूसरे एयरपोर्ट में उतारना पड़ता है. लंबे समय से नाईट लैंडिंग की मांग करने की बाद भी अब तक सुविधा नही शुरू नहीं की जा सकी है. राज्य सरकार ने महीनों पहले 27 करोड़ रुपए का फण्ड दिया था, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की उदासीनता से अब तक रनवे का पूरा काम नहीं हो पाया है.
बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं: नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं होने से बिलासपुर संभाग में आने वाले वीवीआईपी को रात होने की वजह से कार द्वारा रायपुर जाना पड़ता है. मेडिकल एमरजेंसी के लिए भी एयरलिफ्ट नहीं कराया जा सकता. यही वजह है कि अब बिलासा एयरपोर्ट में यात्रियों की संख्या कम होने लगी है, जिसके चलचे विमानन कंपनियां बहाना बनाकर फ्लाइट कम करते जा रहे हैं.
यात्री नहीं मिलने की वजह से दो फ्लाइट बंद: बिलासा एयरपोर्ट से भोपाल और इंदौर जाने वाली दो फ्लाइट यह कह कर बंद कर दिया गया है कि यहां यात्री नहीं मिलते हैं. इस बात को लेकर बिलासपुर निवासी महेश दुबे ने बताया कि "वह बिलासपुर से भोपाल की फ्लाइट में यात्रा कर चुके हैं. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं होने की वजह से फ्लाइट को कभी रायपुर या जबलपुर में उतार दिया जाता है. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी असुविधा होती है. उन्हें अपनी व्यवस्था कर बिलासपुर तक आना पड़ता है. यह कंफर्म नहीं होगा कि फ्लाइट बिलासपुर में ही फ्लाइट उतरेगी, तो कोई क्यों परेशान होने बिलासपुर एयरपोर्ट से यात्रा करेगा. यही वजह है कि बिलासा एयरपोर्ट में यात्रियों की संख्या कम होती जा रही है."
केंद्र और राज्य केवल श्रेय लेने में लगी: बिलासपुर का बिलासा एयरपोर्ट वैसे तो अंग्रेज जमाने से बिलासपुर के चकरभाटा में स्थित है. लेकिन कुछ साल पहले इसे पूर्ण रूप से एयरपोर्ट का दर्जा दिया गया है. बावजूद इसके यहां सुविधाओं का टोटा है. यात्रियों के लिए व्यवस्था नहीं के बराबर तो है, ही साथ ही रनवे इतना छोटा है कि बोइंग विमान यहां उतर ही नहीं पाएगा. विमानों के लिए नाइट लैंडिंग की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. शुरुआत में एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री सहित तमाम बड़े नेता बिलासा एयरपोर्ट को अपनी उपलब्धि बताते हुए श्रेय लेने की कोशिश करते रहे. लेकिन सुविधा उपलब्ध कराने की बजाय सभी एक दूसरे के ऊपर जिम्मा डालकर खुद पल्ला झाड़ लेते हैं.