बिलासपुर: सोशल मीडिया में धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने में दर्ज FIR को हाईकोर्ट जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने निरस्त कर भाजपा नेता को बड़ी राहत दी है.
वार्ड क्रमांक दस रायपुर की पार्षद और अधिवक्ता विश्ववादिनी पांडेय ने 15 अप्रैल 2020 को अपने फेसबुक आईडी में तबलीगी जमात पर कोरोना फैलाने के लिए टिप्पणी कर दी थी. रायपुर के सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ धारा 295(ए), 253(ए), 505( 2 )और आईपीसी 188 के तहत धार्मिक भावनाएं भड़काने का अपराध दर्ज किया गया था.
पार्षद ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता सुमीत सिंह के माध्यम से इसे निरस्त करने के लिए याचिका पेश की. इसमें कहा गया कि सोशल मीडिया में टिप्पणी करने के बाद कोई धार्मिक उन्माद नहीं फैला. इसी तरह किसी सम्प्रदाय विशेष पर भी कोई बात नहीं कही गई. यह कार्रवाई राजनैतिक रूप से प्रेरित है.
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इस मामले में जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने तर्कों को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज धाराओं को निरस्त करने का निर्देश दिया है.