बिलासपुर: मरवाही वन मंडल में पुल-पुलिया और स्टॉप डेम निर्माण कार्यों में 7 करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ है. तत्काल मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा से ही मामले में दर्जनभर वनकर्मियों को निलंबित कर दिया था. उन्होंने कहा था कि रिटायर्ड डीएफओ और रेंजर से भी वसूली की जाएगी. घोषणा के एक माह बाद आखिरकार कार्रवाई कर दी गई है.
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दअरसल पूरा मामला मरवाही वन मंडल का है. यहां 7 करोड़ रुपए के एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. जब विधानसभा में सवाल उठाया गया तो ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने दोषी वन कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए सभी को निलंबित करने की घोषणा कर दी. लेकिन 1 महीने बीत जाने के बाद मामले में कार्रवाई की गई. सभी दोषी अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.
अधिकारी और कर्मचारियों को मरवाही वन मंडल के अंतर्गत गौरेला एवं खोडरी रेंज में पुलिया स्टॉप डेम निर्माण करवाना था, जिसमें 7 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ था. तत्कालीन वन मंडल अधिकारी राकेश मिश्रा, एसडीओ केपी डिंडोरे गौरेला, रेंजर गोपाल जांगड़े, पूर्व गौरेला रेंजर आरके शर्मा सहित डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड शामिल हैं. जिसमें सेवानिवृत्त तत्कालीन डीएफओ और तत्कालीन गौरेला रेंजर आरके शर्मा से वसूली का भी आदेश जारी कर दिया गया है. दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की बात भी अधिकारी ने कही है.