बिलासपुर: जिले के मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम पाली में नदी किनारे स्थापित प्राचीन भांवर गणेश मंदिर से मूर्ति चोरी के फरार चल रहे अंतिम आरोपी अतुल भार्गव को भी पकड़ने में पुलिस कामयाब हुई, जिसका खुलासा पुलिस ने मंगलवार को किया. मामला 5 महीने पुराना है. मंदिर के पुजारी को बंधक बनाकर आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था.
50 कदम दूर सो रहा था पुजारी: मंदिर की देखरेख और पूजा पाठ करने के लिए गांव के ही महेश राम केवट को रखा गया था. उसने बताया कि "25 अगस्त 2022 को रात करीब 9.30 बजे वह खाना खाकर मंदिर से 50 कदम दक्षिण-पश्चिम में बना सामुदायिक भवन के पास सो रहा था. रात करीबन 1 बजे अज्ञात चार नकाबपोशों ने सामुदायिक भवन के पास पहुंचकर भवन का दरवाजा जोर से धकेला और अंदर घुस आए."
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पुजारी के मुंह पर चिपका दिया था टेप: मंदिर के पुजारी महेश राम केवट ने बताया कि "अज्ञात चोरों ने उसे पकड़ लिया. जमीन पर ही दबा कर उसके साथ मारपीट करने लगे. उनमें से एक आरोपी ने उसके सिर में कट्टा अड़ा दिया. उसके पूरे चेहरे को टेप से चिपकाकर उससे मंदिर की चाबी छीन ली और मंदिर का ताला खोलकर अंदर स्थापित प्राचीन मूर्ति को लूट कर फरार हो गए."
तत्काल पकड़े गए थे चार आरोपी: मस्तूरी पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया और अज्ञात आरोपियों की तलाश में जुट गई थी. इसी दौरान सूचना मिलने पर आरोपी युवराज टण्डन, मोहताब सुमन उर्फ राजा, निशांत कुमार घोष उर्फ सचिन और सुमीर राय को पकड़कर पूछताछ किया गया. चारों आरोपियों ने अपने एक अन्य साथी अतुल भार्गव के साथ मिलकर ग्राम पाली में भांवर गणेश मंदिर में हुई प्राचीन कालीन मूर्ति की चोरी करने की बात कबूली. मामले में आरोपी अतुल भार्गव घटना के दिन से ही फरार था, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी. अतुल को मंगलवार को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है.