बिलासपुर: कटघोरा वन मंडल से रेस्क्यू कर एक भालू को भनवारटंक के जंगल में छोड़ा गया था. जहां भालू ने दो लोगों पर हमला कर दिया था. इसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे पकड़कर कानन पेंडारी जू में लाकर रखा था. जहां शुक्रवार को इलाज के दौरान भालू की मौत हो गई. जिसका पोस्टमार्टम कर शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के मुताबिक भालू को 5 दिन पहले रेस्क्यू किया गया था.
![Bear died during treatment at Kanan Pendari in Bilaspur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10009087_img.jpg)
महिला को उतारा था मौत के घाट
कोरबा जिले के कटघोरा वन परिक्षेत्र में 5 दिन पहले दो वृद्ध महिलाएं, जो नवापारा गांव की रहने वाली हैं, उन्हें राह चलते समय भालू ने हमला कर दिया था. जिसमें से एक महिला घायल हो गई थी. जबकि दूसरे महिला को घसीट कर भालू जंगल ले गया था. अगले दिन उसका शव मिला. जिसके बाद 3 से 4 घंटे रेस्क्यू कर भालू को कानन पेंडारी की टीम ने कोरबा के जंगल से लाकर भनवारटंक के जंगल में छोड़ था.
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भनवारटंक में बुजुर्ग पर किया था हमला
कोरबा से रेस्क्यू कर लाए गए भालू को मरवाही रेंज के भनवारटंक के जंगल में छोड़ दिया गया था. यहां भी भालू ने एक व्यक्ति पर फिर हमला कर दिया. जिससे उसकी भी मौत हो गई. इसके बाद वन विभाग की टीम उस भालू के उग्रपन को देखते हुए, उसे पकड़कर कानन जू ले आए. जहां उसका इलाज किया जा रहा था. उग्र भालू का इलाज जारी था. इस दौरान भालू ने खाना-पीना भी कम कर दिया था. वहीं इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
रेबीज से संक्रमित था भालू
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि भालू रेबीज से संक्रमित था. जिसकी वजह से वह राहगीरों को देखकर हमला कर देता था. जब से रेस्क्यू कर उसे इलाज के लिए लाया गया था, तब से उसने खाना-पीना छोड़ दिया था.