बिलासपुर: नगर निगम के परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अटल श्रीवास्तव के निवास पर 70 उम्मीदवारों के लिए भोज का आयोजन किया गया. भोज की राजनीति के बहाने निगम में पदों की रणनीति पर ज्यादा चर्चा की गई. वहीं हार चुके कांग्रेस पार्षदों की शिकायतों का भी जल्द समाधान करने पर बातचीत हुई. नगर निगम में कांग्रेस की सरकार बनना तय होने के बाद से महापौर के चयन को लेकर भी इस भोज में गहमागहमी का माहौल दिखा.
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बता दें कि 70 वार्डों में से 35 पार्षदों की जीत और 4 निर्दलीय के निशर्त कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा के बाद से महापौर की कुर्सी के लिए खींचतान का दौरा शुरू हो गया है. निर्दलियों के समर्थन के बाद महापौर के लिए 5 दावेदार सामने आ चुके हैं और अपने-अपने लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है. एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष शेख नजरुद्दीन, रामशरण यादव, राजेश शुक्ला, रविंद्र सिंह और विष्णु यादव पार्टी के प्रति निष्ठा और निगम की राजनीति में अनुभव के आधार पर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर पहली बार पार्षद का चुनाव जीत कर आये जिला ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी भी दावेदारी कर रहे है और अपनी दावेदारी के लिए बड़ा रोड़ा मान रहे हैं.
ये पार्षद बन सकते हैं दावेदारी पर रोड़ा
विजय केशरवानी के संगठन में दखल और उच्च मंत्रियों के करीबी होने की वजह से अनुभवी पार्षद उन्हें अपनी दावेदारी के लिए बड़ा रोड़ा मान रहे हैं. इसलिए वे किसी अनुभवी पार्षद को ही मेयर बनाने का राग अलाप रहे हैं, जबकि सीएम के सबसे करीबी प्रदेश महामंत्री अटल ने पर्यवेक्षक रविंद्र चौबे की सभी पार्षदों की रायशुमारी के बाद जल्द बिलासपुर निगम के नए महापौर की बात कही है.