बिलासपुरः दस करोड़ की लागत से तैयार किये जा रहे साइंस कॉलेज मैदान स्थित वॉलीबॉल कोर्ट (Volleyball Court At Science College Ground) और बैडमिंटन कोर्ट खुद पर हुए कमीशनखोरी की पोल खोलने लगा है. ठेकेदार और निगम इंजीनियरों की मिली-भगत ने खिलाड़ियों के सपनों को चकनाचूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. निगम इंजीनियर की करतूत पर कमिश्नर (Commissioner) ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है और कोर्ट की मरम्मत के लिए निर्देश दिया है.
दिल्ली के प्रगति मैदान की तर्ज पर साइंस कॉलेज मैदान बनाया जा रहा है. सार्वजनिक सभास्थल और ऑडिटोरियम (Auditorium) काम के लिए दो-दो निर्माण एजेंसियों को ठेका दिया गया. फिर भी प्रोजेक्ट अधूरा ( Unfinished Project) है. 11 माह में पूरा होने वाला प्रोजेक्ट 4 साल में भी पूरा नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि निगम के हिस्से का काम पूरा हो चुका है लेकिन पीडब्ल्यूडी के हिस्से का काम पूरा नहीं हो सका है.
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उद्घाटन के पहले ही वॉलीबॉल कोर्ट हुआ बदहाल
उद्घाटन के पहले ही साइंस कॉलेज मैदान बदहाल होने लगा है. खेलने के लिए बनाए गए बैडमिंटन और वॉलीबॉल कोर्ट में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. इसके निर्माण के गुणवत्ता (Quality) की पोल खुल गई है. इसका निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अब तक इसका लोकार्पण (launch) भी नहीं किया जा सका है. नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी (Corporation Commissioner Ajay Tripathi) ने कहा है कि वह किए हुए कार्य के गुणवत्ता की जांच करेंगे.
ठेकेदार और इंजीनियर पर होगी कार्रवाई
घटिया निर्माण मे शामिल ठेकेदार और इंजीनियर पर कार्रवाई की जाएगी. हेलीपैड और वीआईपी पाथवे, सभा समारोह के दौरान वीआईपी को आवागमन में दिक्कत ना हो इसका भी पूरा ख्याल रखा गया है. इसके मद्देनजर परिसर में ही दूसरे छोर पर हेलीपैड और ऑडिटोरियम (Helipad and Auditorium), जॉगिंग वाकिंग पाथवे, चौड़ी सड़कें एलईडी एवं सोलर लाइट के साथ कबड्डी, वॉलीबॉल का मैदान तैयार किया जाएगा.