पेंड्रा: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा सीट खाली हो गई है. अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही सीट पर कब्जा करने के लिए नेताओं ने जोर लगाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के नेताओं का अब मरवाही में आना-जाना शुरू हो गया है. इलाके में पिछले 2 दिनों से नेताओं का तांता लगा हुआ है.
दरअसल, पिछले विधानसभा में अजीत जोगी से मिली करारी हार से सबक लेते हुए कांग्रेस पार्टी अपना संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने में जुट गई है. मरवाही सीट में अपना परचम लहराने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी एड़ी चोटी एक करने में लगी है. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी नेता और प्रदेश महासचिव अटल श्रीवास्तव को चुनाव प्रभारी बनाया गया है. जो पिछले 2 दिनों से मरवाही विधानसभा उपचुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं.
सरकार के किए कार्यों को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी
मरवाही विधानसभा में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ लगातर मीटिंग की जा रही है. साथ ही उनसे बूथ और सेक्टर की सूची मांगी जा रही है. कार्यकर्ताओं का कहना है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के किए गए कार्यों को लेकर वह जनता के पास जाएंगे, जिसमें उनका पहला मुद्दा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को जो जिला बनाया गया है, तो वहीं मरवाही को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के मुद्दों को लेकर जनता के पास जाने की तैयारी कर रहे हैं.
मरवाही कोटा कांग्रेस का गढ़ रहा: अटल श्रीवास्तव
मामले में अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मरवाही कोटा कांग्रेस का गढ़ रहा है. बीच में किन्ही परिस्थितियों में लोगों ने यहां दूसरे प्रत्याशी को वोट दिया है, लेकिन अब हम फिर से अपने संगठन के ढांचे को मजबूत करना चाहते हैं, ताकि मरवाही सीट पर कांग्रेस का परचम लहरा सके.
मरवाही की चुनावी रण जीतने की रणनीति
बता दें कि कांग्रेस के नेता मरवाही में पिछले 2 दिनों से ठहरे हुए हैं, जो मरवाही की चुनावी रण को जीतने की रणनीति बना रहे हैं. साथ ही संगठन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए कांग्रेस प्रदेश महासचिव और जिला प्रभारी अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता पिछले 2 दिनों से इलाके में सक्रिय हैं, जो मरवाही को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने का कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिला रहे हैं.