गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर एक आदेश जारी किया है. जिसके बाद से विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. आदेश में कहा गया है कि अगर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कोरोना वेक्सीनेशन नहीं करवाते तो उनका जून महीने का वेतन रोक दिया जाएगा.
क्यों जारी किया ऐसा आदेश?
सहायक आयुक्त केएस मसराम की माने तो, आदेश जारी करने के पीछे उनका मानना है कि इससे वैक्सीनेशन में तेजी आएगी. कर्मचारी के साथ उनके परिवार के लोग भी वैक्सीन की डोज जरूर लगवाएंगे.
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क्या है आदेश में ?
आदेश के मुताबिक विभाग में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवाएं नहीं तो उनके जून महीने की सैलरी रोक दी जाएगी. इसके बाद यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अधिकारी के आदेश पर उनके विभाग में पदस्थ कर्मचारी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. आदेश में टीकाकरण कार्ड भी कार्यालय में जमा कराने की बात कही गई है. आदेश 21 मई को जारी किया गया था. आदेश में कहा गया कि आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत संचालित कार्यालय, आश्रम और आदिवासी छात्रावासों में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें और वैक्सीनेशन कार्ड कार्यालय में जमा कराएं.
जून महीने की सैलरी रोकने की चेतावनी
आदेश में यह कहा गया है कि अगर अधिकारी-कर्मचारी इस आदेश को नहीं मानते हैं तो उनकी आगामी महीने की सैलरी रोक दी जाएगी. आदेश के मुताबिक इसकी जिम्मेदारी भी कर्मचारी की होगी. जैसे ही इस आदेश की जानकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को लगी तो वे नाराजगी जाहिर करने लगे.
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100% वैक्सीनेशन का था उद्देश्य: केएस मसराम
मामले में सहायक आयुक्त केएस मसराम ने कहा है इस आदेश से फायदा भी हुआ है. इसकी वजह से 90% अधिकारियों और कर्मचारियों ने टीकाकरण करवा लिया है. जब उनसे पूछा गया कि क्या यह आदेश डराने के लिए जारी किया गया तब उन्होंने कहा है कि यह आदेश डराने के लिए नहीं, वैक्सीनेशन के लिए जारी किया गया था. हम चाहते हैं कि सभी अधिकारी-कर्मचारियों का टीकाकरण हो जाए. हम जून की सैलरी भी नहीं काटेंगे, हमारा उद्देश्य 100% वैक्सीनेशन का था.