गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: नवगठित जिले के 17 धान खरीदी केंद्रों में आज से धान खरीदी शुरू की गई. जिसके लिए शासन-प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी. इन धान खरीदी केंद्र में लगभग 15 हजार किसानों से 6 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य तय किया गया है. इन व्यवस्थाओं के बावजूद कुछ केंद्रों में नेताओं के इंतजार में खरीदी लगभग 2 घंटे देरी से हुई. खरीदी के पहले ही दिन जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भी खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया. अमित जोगी ने धान सत्याग्रह के तहत 4 मुद्दों को पूरा करने की मांग सरकार से की है.
पेंड्रा गौरेला और मरवाही में खरीदी से पहले साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई थी. सभी केंद्रों के बाहर फ्लेक्स और वॉल पेंटिंग के साथ बैनर लगाकर धान का मूल्य और टोकन कटने की तिथियां भी निर्धारित कर दी गई थी. ताकि किसानों को किसी तरह की कोई असुविधा न हो. इसके साथ ही सभी केंद्रों में निगरानी दल भी मौजूद रहें जो धान की गुणवत्ता पर निगरानी रखे हुए थे.
पढ़ें: बेमेतरा में धान खरीदी, 15 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन
धान खरीदी केंद्र के उद्घाटन के लिए नहीं पहुंचे मरवाही विधायक
मरवाही के लरकेनी धान खरीदी केंद्र के उद्घाटन के लिए मरवाही विधायक केके ध्रुव का 10 बजे का समय तय किया गया था. लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे. मीडिया की टीम सुबह 10 बजे जब खरीदी केंद्र पहुंची तो केंद्र के बाहर ही किसानों के ट्रैक्टर में लदे धान की लंबी कतारें लग गई थी. किसान टोकन लेकर केंद्र में दाखिल भी हो गए थे, लेकिन उद्घाटन न हो पाने की वजह से उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा. मीडिया ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंचाई. आनन-फानन में लगभग 12:30 बजे पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की मौजूदगी में धान खरीदी की शुरुआत की गई.
पढ़ें: बिलासपुर में अव्यवस्थाओं के बीच धान खरीदी, किसान कर रहे शिकायत
पेंड्रा में 13 किसानों ने की धान की बिक्री
अमित जोगी ने धान खरीदी केंद्र का दौरा कर किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी. इस दौरान उन्होंने कहा कि नेताओं की लापरवाही की वजह से किसान घंटों परेशान रहें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता समय के पाबंद नहीं है. कोई 2 बजे तो कोई 3 बदे खरीदी केंद्रों का उद्घाटन कर रहा है. इसे साथ ही उन्होंने बारदाने की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्रों में बारदानों की भारी कमी है. यदि नए बार दाने नहीं मिले तो 7 दिन बाद खरीदी बंद हो सकती है. बता दें कि पहले दिन पेंड्रा खरीदी केंद्र में मात्र 13 पंजीकृत किसान धान बिक्री करने पहुंचे. वहीं गौरेला खरीदी केंद्र में 8 किसान पहुंचे थे.