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Bilaspur News: एमबीए में प्रवेश के 5 महीने बाद काॅलेज ने अचानक निरस्त कर दिया दाखिला, शिकायत करने थाने पहुंचे छात्र

एमबीए में प्रवेश कराने के 5 महीने बाद काॅलेज प्रबंधन की ओर से अचानक दाखिला निरस्त किए जाने से छात्रों में गुस्सा है. मामला बिलासपुर के तोरवा थात्रा क्षेत्र से सामने आया है. बिलासपुर चौकसे महाविद्यालय में एमबीए में पढ़ रहे बच्चों का अचानक दाखिला निरस्त कर दिया. नाराज छात्रों ने थाने पहुंचकर शिकायत की है.bilaspur latest news

Bilaspur MBA students complain
एमबीए में प्रवेश के नाम पर धोखाधड़ी
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Published : Mar 19, 2023, 2:54 PM IST

एमबीए में प्रवेश के नाम पर धोखाधड़ी

बिलासपुर: बिलासपुर में एमबीए में प्रवेश के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. बिलासपुर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के नेतृत्व में चौकसे कॉलेज में एमबीए में प्रवेश देने के बाद धोखे से प्रवेश निरस्त कर दिया गया. प्रवेश निरस्त होने के बाद 18 मार्च को स्टूडेंट्स तोरवा थाने पहुंचे और काॅलेज प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

जानिए, ये है पूरा मामला: चौकसे महाविद्यालय में छात्रों ने एमबीए पाठ्यक्रम में अक्टूबर 2022 में प्रवेश लिया था. सभी के पास रसीद है. सभी विद्यार्थियों से रजिस्ट्रेशन फीस और वाहन फीस भी लिया गया है, जिसकी रसीद भी बच्चों के पास है. अक्टूबर से ही नियमित कक्षाएं भी शुरू कर दी गईं, जिसमें ये सभी बच्चे शामिल हुए. नियमित कक्षाएं लगभग 5 महीने तक चलीं. अचानक फरवरी माह 2023 में उन सभी विद्यार्थियों को बताया गया कि उनका प्रवेश सीएसवीटीयू के तीसरे चरण की काउंसिलिंग न होने के कारण निरस्त कर दिया गया है.

दाखिले के समय नहीं दी इस बात की जानकारी: तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे पीड़ित विद्यार्थियों का आरोप है कि "किसी भी विद्यार्थी को पहले से प्रवेश के समय इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी. बच्चों को ये नहीं पता था कि यदि सीएसवीटीयू के माध्यम से तीसरे चरण की काउंसिलिंग नहीं होती तो आपका प्रवेश मान्य नहीं होगा. सेमेस्टर परीक्षा के समय उन सभी विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क, रजिस्ट्रेशन शुल्क और परिवहन शुल्क लेकर उनका प्रवेश निरस्त करना गलत है."

यह भी पढ़ें: Bhoramdev Mahotsav : भोरमदेव महोत्सव शुरू, सारेगामा विजेता इशिता विश्वकर्मा सहित कई दिग्गज बिखेरेंगे जलवा

काॅलेज प्रबंधन के छलावे से बच्चों का भविष्य अंधकार में: इस सभी मामलो की जानकारी एमबीए के विद्यार्थियों ने एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह को दी. रंजीत सिंह ने बताया कि "चौकसे कॉलेज प्रबंधन के इस प्रकार एमबीए के छात्र-छात्राओं से छलावा करने से सभी छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा, जो लगभग 5 महीने से लगातार क्लास कर रहे हैं. इन सभी विद्यार्थियों में से अधिकांश दूसरे जिलों से आकर सिर्फ यहां पढ़ाई करने के लिए हॉस्टल में रह रहे हैं. इन सभी विद्यार्थियों की क्लॉस टेस्ट शुरू हो चुकी है. इसी माह मार्च 2023 में मुख्य सेमेस्टर परीक्षा संचालित होना संभावित है. इन विद्यार्थियों का यह सत्र 2022-23 सिर्फ महाविद्यालय की धोखाधड़ी के कारण बर्बाद हो जाएगा."

एमबीए में प्रवेश के नाम पर धोखाधड़ी

बिलासपुर: बिलासपुर में एमबीए में प्रवेश के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. बिलासपुर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के नेतृत्व में चौकसे कॉलेज में एमबीए में प्रवेश देने के बाद धोखे से प्रवेश निरस्त कर दिया गया. प्रवेश निरस्त होने के बाद 18 मार्च को स्टूडेंट्स तोरवा थाने पहुंचे और काॅलेज प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

जानिए, ये है पूरा मामला: चौकसे महाविद्यालय में छात्रों ने एमबीए पाठ्यक्रम में अक्टूबर 2022 में प्रवेश लिया था. सभी के पास रसीद है. सभी विद्यार्थियों से रजिस्ट्रेशन फीस और वाहन फीस भी लिया गया है, जिसकी रसीद भी बच्चों के पास है. अक्टूबर से ही नियमित कक्षाएं भी शुरू कर दी गईं, जिसमें ये सभी बच्चे शामिल हुए. नियमित कक्षाएं लगभग 5 महीने तक चलीं. अचानक फरवरी माह 2023 में उन सभी विद्यार्थियों को बताया गया कि उनका प्रवेश सीएसवीटीयू के तीसरे चरण की काउंसिलिंग न होने के कारण निरस्त कर दिया गया है.

दाखिले के समय नहीं दी इस बात की जानकारी: तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे पीड़ित विद्यार्थियों का आरोप है कि "किसी भी विद्यार्थी को पहले से प्रवेश के समय इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी. बच्चों को ये नहीं पता था कि यदि सीएसवीटीयू के माध्यम से तीसरे चरण की काउंसिलिंग नहीं होती तो आपका प्रवेश मान्य नहीं होगा. सेमेस्टर परीक्षा के समय उन सभी विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क, रजिस्ट्रेशन शुल्क और परिवहन शुल्क लेकर उनका प्रवेश निरस्त करना गलत है."

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काॅलेज प्रबंधन के छलावे से बच्चों का भविष्य अंधकार में: इस सभी मामलो की जानकारी एमबीए के विद्यार्थियों ने एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह को दी. रंजीत सिंह ने बताया कि "चौकसे कॉलेज प्रबंधन के इस प्रकार एमबीए के छात्र-छात्राओं से छलावा करने से सभी छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा, जो लगभग 5 महीने से लगातार क्लास कर रहे हैं. इन सभी विद्यार्थियों में से अधिकांश दूसरे जिलों से आकर सिर्फ यहां पढ़ाई करने के लिए हॉस्टल में रह रहे हैं. इन सभी विद्यार्थियों की क्लॉस टेस्ट शुरू हो चुकी है. इसी माह मार्च 2023 में मुख्य सेमेस्टर परीक्षा संचालित होना संभावित है. इन विद्यार्थियों का यह सत्र 2022-23 सिर्फ महाविद्यालय की धोखाधड़ी के कारण बर्बाद हो जाएगा."

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