बिलासपुर: जिले में गांजा तस्करी और प्रतिबंधित नशीली दवाओं के बढ़ते कारोबार को रोकने में बिलासपुर पुलिस काफी हद तक सफल हो रही है. 3 माह में पुलिस ने जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में करवाई करते हुए 26 प्रकरणों में 7 सौ किलो गांजा जब्त किया है. जिसकी कीमत बाजार में 61 लाख रुपए बतायी जा रही है. इसी तरह नशीली दवाओं के बड़े-बड़े जखीरे भी पकड़े हैं.
प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार पर नकेल कसने को पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला कलेक्टर और पुलिस विभाग को कड़े निर्देश दिए थे. मुखिया के निर्देश के बाद लगातार पूरे प्रदेश में पुलिस ने नारकोटिक्स के मामलों में काफी सक्रियता दिखाते हुए जोर-शोर से कार्रवाई शुरू कर दी है.मौजूदा समय में बिलासपुर जिला नशे के कारोबार का अड्डा बनता जा रहा है. पुलिस नशे के सौदागरों पर नकेल कसने को अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
पुलिस ने नशे के सौदागरों को रोकने को साल के शुरुआत में एंटी नारकोटिक्स सेल का गठन किया था. सेल ने लगातार जिले में एंट्री करने वाले बॉर्डर के साथ ही शहर के अंदर चौकसी बढ़ा दी और मुखबिर को सक्रिय किया गया है. पुलिस ने नशे के सौदागरों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई की है.
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बिलासपुर पुलिस ने जिले के लगभग 20 थाना और चौकियों में तीन माह में कर्रवाई करते हुए 26 प्रकरणों में 7 सौ किलो गांजा जब्त किया है. इसके साथ ही पुलिस ने कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप के 7 प्रकरणों ने 25 सौ बोतल को जब्त किया है. ड्रग्स के मामले में 4 प्रकरणों में 51 ग्राम एमडीएमए नशीली पदार्थ को जब्त किया गया है. इसके अलावा नशीली टैबलेट भी पकड़ी गई है. पुलिस नारकोटिक सेल के बाद नवगठित एंटी क्राइम यूनिट के माध्यम से जिले में लगातार कर्रवाई कर रही है. बिलासपुर जिले की एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि जिले में ज्यादातर गांजा ओडिशा की ओर से आता है. इसलिये जिले के बॉर्डर पर पुलिस सुरक्षा के साथ ही मुखबिरों का जाल बिछाया गया है.