बिलासपुरः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) के जस्टिस गौतम भादुड़ी (Justice Gautam Bhaduri) की सिंगल बेंच ने अनुच्छेद 300A को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला (Important decision) सुनाया है. हाईकोर्ट (High Court) ने 7 साल बाद भी जमीन अधिग्रहण के बाद याचिकाकर्ता (Petitioner) को मुआवजे की राशि नहीं दिए जाने को अनुच्छेद 300A का उलंघन माना है. हाईकोर्ट ने कहा कि एक्ट के तहत बिना मुआवजा दिए कोई भी निकाय किसी की जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकती. ऐसा करना मौलिक अधिकारों का हनन है.
ब्याज सहित पैसा लौटाने के आदेश
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 2014 के मुआवजे (Compensation) की राशि देने और मुआवजे में विलंब (Delay in compensation) करने वाले दोषी अधिकारियों की जांच के बाद उनसे 2014 से लेकर अब तक की ब्याज की राशि वसूलकर याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया है.
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नगर पंचायत ने बिना पैसा दिए निजी जमीन पर बनवा दी सड़क
पूरा मामला बिलासपुर बिल्हा के रहने वाले राधेश्याम नाथानी (Radheshyam Nathani) की जमीन अधिग्रण से जुड़ा हुआ है. मामला जांजगीर-चांपा जिले के बाराद्वार नगर पंचायत का है. 2014 में नगर पंचायत ने सड़क निर्माण (Road Construction) के लिए राधेश्याम नाथानी की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था. और मुआवजा भी नहीं दिया गया. याचिकाकर्ता के आपत्ति और कई बार के निवेदन के बाद भी उन्हें मुआवजे की राशि नहीं दी गई. इससे परेशान होकर राधेश्याम ने अपने अधिवक्ता सौरभ शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले में हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को मुआवजे की राशि ब्याज समेत देने का आदेश दिया है.