बिलासपुर: व्यावसायिक लोन के नाम पर बैंक को 39 लाख रुपए का चूना लगाने वाला आरोपी, पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए उसने बैंक के मैनेजर और कर्मचारियों के साथ भी मिलीभगत की थी.जिसके बाद पुलिस अब जांच के बाद अन्य लोगों को गिरफ्तार करने की बात कह रही है.
कैसे की थी ठगी : रतनपुर थाना क्षेत्र के गांधीनगर निवासी अरविंद जायसवाल जमीन दलाल है. अरविंद के खिलाफ थाने में आपराधिक केस दर्ज हैं. रतनपुर के भारतीय स्टेट बैंक शाखा में अरविंद जायसवाल ने बिजनेस लोन के लिए अप्लाई किया. एग्रीमेंट में लोन की लिमिट 3 लाख रुपए थी.लेकिन बैंककर्मियों की मिलीभगत से आरोपी ने 39 लाख का लोन ले लिया. इसके बाद पैसों का इस्तेमाल व्यवसाय में ना करके दूसरी जगह करने लगा.
लोन डिफॉल्ट होने पर इसकी शिकायत रतनपुर थाने में की गई. जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपी अरविंद जायसवाल को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में तत्कालीन बैंक मैनेजर और अन्य बैंककर्मियों की भी इस मामले में शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस ने फरार बैंककर्मियों की तलाश शुरू कर दी है.
चोरी करने वाले भी अरेस्ट : वहीं पुलिस ने चोरी का भी खुलासा किया है. फेरी लगाकर सोना चांदी के जेवर बेचने वाले सर्राफा व्यापारी के बेशकीमती आभूषण चोरी कर लिए गए थे. पुलिस ने शिकायत के बाद आरोपियों को पकड़ा है. जांजगीर के रहने वाले शंकर साहू अपनी मां कमला बाई के साथ फेरी लगाकर सोने चांदी के जेवर बेचता है. 4 अप्रैल को पचपेड़ी थाना अंतर्गत ग्राम मरारी में वो ग्राहकों को सोने चांदी के जेवर दिखा रहा था. इसी बीच मौका पाकर किसी ने सोने के जेवर से भरे एक डिब्बे को पार कर दिया. डिब्बे में 12 लाख रुपए के जेवरात थे.
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थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई : शंकर साहू ने जेवर का डिब्बा ढूंढा लेकिन नहीं मिला. परेशान होकर पीड़ित ने पचपेड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. इस मामले की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने विजय कुमार सुर्यवंशी,रूपचंद राय को गिरफ्तार किया है.सोने के 12 लाख के जेवर आरोपी के ससुराल से बरामद किए गए हैं.