बिलासपुर : छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक को एक युवक ने चूना लगाया. लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसकी इस कारिस्तानी की सजा भी उसे मिल ही (Accused arrested for getting loan ) गई. यानी युवक अब पुलिस की गिरफ्त में हैं.आरोपी ने बैंक को गुमराह करने के लिए फर्जी पते पर (fake documents in Bilaspur ) कई लोगों को लोन दिलवाया था. क्योंकि उसे पता था कि पते के आधार पर ही बैंक लोन लेने वालों को खोजेगा.लिहाजा वो लोन दिलवाने के बाद चंपत हो गया. जब बैंक में लोन की किस्त नहीं आई तो फ्रॉड का पता (getting loan by fake documents ) चला.
कैसे लगाया चूना : छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से एक युवक ने लोन लिया था. जब लोन की किस्त जमा नहीं हुई तो बैंक ने अपने कर्मचारी को नोटिस लेकर भेजा. तब लोन लेने वालों के पते फर्जी निकले. शिकायत पर पुलिस ने जांच कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया है.
क्या था पूरा मामला : तारबाहर पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की मैनेजर अंकिता दुबे ने तारबहार थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की. उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय से लोन प्रकरण की जांच की गई. जिसमें 7 मामलों में अनियमितता पाई गई. इन 7 मामलों में लोन लेने वालों ने खुद को रेलवे और सीएसआईडीसी का कर्मचारी बताते हुए बैंक में खाता खुलवाया. बैंक की ओर से कोटा,जरहाभाठा,टिकरापारा,गणेशनगर,मसानगंज,सागरदीप कलोनी,तालापारा,कुम्हारपारा,अमेरी,रहने वाले कुछ लोगों को लोन जारी किया. तो कुछ लोगों ने रूपये वापस किया. बाद में किस्त देना बंद कर दिया. तब बैंक ने इसकी जांच कराई. जिसमें लोन के दस्तावेज फर्जी मिले. इसके आधार पर बैंक प्रबंधन ने मामले की शिकायत तारबाहर थाने में की.
ये भी पढ़ें- ट्रेन में शराब की तस्करी करने वाले अरेस्ट
फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाला गिरफ्तार : इस पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. तब पता चला कि जरहाभाटा में रहने वाले आरिफ नामक युवक ने बिचौलिया बनकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराएं. उसके माध्यम से सभी लोगों ने लोन लिया. इस पर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपित अपने घर आया है. जिस पर घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया.Bilaspur crime news