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बिलासपुर के जरहाभाठा सरकारी स्कूल में हादसा, छत का प्लास्टर गिरने से हेड मास्टर घायल

बिलासपुर के जरहाभाठा सरकारी स्कूल में छत का प्लास्टर गिर (Accident in Jarhabhatha Government School Bilaspur) गया. इस हादसे में स्कूल में तैनात महिला हेड मास्टर घायल हो (head master injured falling plaster of ceiling) गई. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ईटीवी भारत ने जिले में स्कूलों की जर्जर स्थित पर रिपोर्ट दिखाई थी. उसके बाद भी शिक्षा विभाग की नींद (bilaspur latest news) नहीं टूटी है.

Accident in Jarhabhatha Government School Bilaspur
जरहाभाठा सरकारी स्कूल में हादसा
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Published : Jul 30, 2022, 10:14 PM IST

बिलासपुर: जिले के जरहाभाठा शासकीय स्कूल मे हादसा हो गया. यहां के हेड मास्टर पर स्कूल की छत का प्लास्टर गिर (Accident in Jarhabhatha Government School Bilaspur) गया. इस हादसे में हेड मास्टर को चोट आई है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया (head master injured falling plaster of ceiling) है. जर्जर स्कूल की सूचना शिक्षा विभाग को देने के बाद भी समय पर मरम्मत नहीं किये जाने की वजह से यह घटना घटी (bilaspur latest news) है.

बिलासपुर संभाग के सात जिलों में है जर्जर स्कूल भवन: बिलासपुर संभाग में बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, शक्ति, रायगढ़, गौरेला पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिला शामिल है. संभाग के ढाई हजार से भी ज्यादा स्कूलों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए बिना ही नए शैक्षणिक सत्र के लिए स्कूलों को खोल दिया गया. संभाग के ढाई हजार से ज्यादा स्कूल जर्जर, अतिजर्जर हालत में संचालित हो रहे हैं. यही नहीं 150 के करीब स्कूल तो भवनविहीन हैं. बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले में सबसे ज्यादा स्कूल भवनों की स्थिति खराब है. अन्य जिलों में भी कमोवेश यही स्थिति है.

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को है इसकी जानकारी: खास बात ये है कि, खुद स्कूल शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी है. जर्जर, अति जर्जर और भवनविहीन स्कूल भवनों का आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है. शासन के निर्देश पर जिलेवार ऐसे स्कूलों की पहचान कर रिकॉर्ड तैयार किया गया है. जिसे शासन के पोर्टल में अपलोड किया गया है. इसके बावजूद खतरनाक, जर्जर खस्ताहाल भवनों में आधे अधूरे व्यवस्थाओं के बीच स्कूली बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. कहीं स्कूलों की छत गिरने वाली है, तो कहीं छत से पानी टपक रहा है. कई स्कूलों में स्थिति ये है कि छत से आसमान नजर आ रहा है. दीवारों के प्लास्टर गिर रहे हैं. मानसून के बीच खस्ताहाल स्कूलों में हादसे के खतरे के साथ बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं.



क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी: संभागीय कार्यालय से शासन को भी जानकारी भेजी गई है. इस मामले में विभाग के संभागीय अधिकारी (ज्वाइंट डायरेक्टर) आर एन हिराधर ने कहा कि इसकी जानकारी शासन को भेजने की बात कह रहे हैं. अधिकारियों की माने तो जानकारी शासन के पोर्टल में अपलोड कर दिया गया है. शासन से फंड जारी होते ही चिन्हित ऐसे भवनों का मरम्मत और नए भवनों का निर्माण किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर के ये स्कूल मौत को दे रहे हैं दावत!

जिला जर्जर स्कूल अति जर्जर स्कूल भवन विहीन स्कूल
बिलासपुर59324222
कोरबा64522508
रायगढ़42413023
मुंगेली2319341
जांजगीर916641
जीपीएम1357005
सक्ती11711207
कुल जर्जर शाला 2236
कुल अति जर्जर शाला 938
कुल भवन विहीन शाला 147

बिलासपुर: जिले के जरहाभाठा शासकीय स्कूल मे हादसा हो गया. यहां के हेड मास्टर पर स्कूल की छत का प्लास्टर गिर (Accident in Jarhabhatha Government School Bilaspur) गया. इस हादसे में हेड मास्टर को चोट आई है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया (head master injured falling plaster of ceiling) है. जर्जर स्कूल की सूचना शिक्षा विभाग को देने के बाद भी समय पर मरम्मत नहीं किये जाने की वजह से यह घटना घटी (bilaspur latest news) है.

बिलासपुर संभाग के सात जिलों में है जर्जर स्कूल भवन: बिलासपुर संभाग में बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, शक्ति, रायगढ़, गौरेला पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिला शामिल है. संभाग के ढाई हजार से भी ज्यादा स्कूलों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए बिना ही नए शैक्षणिक सत्र के लिए स्कूलों को खोल दिया गया. संभाग के ढाई हजार से ज्यादा स्कूल जर्जर, अतिजर्जर हालत में संचालित हो रहे हैं. यही नहीं 150 के करीब स्कूल तो भवनविहीन हैं. बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले में सबसे ज्यादा स्कूल भवनों की स्थिति खराब है. अन्य जिलों में भी कमोवेश यही स्थिति है.

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को है इसकी जानकारी: खास बात ये है कि, खुद स्कूल शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी है. जर्जर, अति जर्जर और भवनविहीन स्कूल भवनों का आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है. शासन के निर्देश पर जिलेवार ऐसे स्कूलों की पहचान कर रिकॉर्ड तैयार किया गया है. जिसे शासन के पोर्टल में अपलोड किया गया है. इसके बावजूद खतरनाक, जर्जर खस्ताहाल भवनों में आधे अधूरे व्यवस्थाओं के बीच स्कूली बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. कहीं स्कूलों की छत गिरने वाली है, तो कहीं छत से पानी टपक रहा है. कई स्कूलों में स्थिति ये है कि छत से आसमान नजर आ रहा है. दीवारों के प्लास्टर गिर रहे हैं. मानसून के बीच खस्ताहाल स्कूलों में हादसे के खतरे के साथ बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं.



क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी: संभागीय कार्यालय से शासन को भी जानकारी भेजी गई है. इस मामले में विभाग के संभागीय अधिकारी (ज्वाइंट डायरेक्टर) आर एन हिराधर ने कहा कि इसकी जानकारी शासन को भेजने की बात कह रहे हैं. अधिकारियों की माने तो जानकारी शासन के पोर्टल में अपलोड कर दिया गया है. शासन से फंड जारी होते ही चिन्हित ऐसे भवनों का मरम्मत और नए भवनों का निर्माण किया जाएगा.

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जिला जर्जर स्कूल अति जर्जर स्कूल भवन विहीन स्कूल
बिलासपुर59324222
कोरबा64522508
रायगढ़42413023
मुंगेली2319341
जांजगीर916641
जीपीएम1357005
सक्ती11711207
कुल जर्जर शाला 2236
कुल अति जर्जर शाला 938
कुल भवन विहीन शाला 147

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