बिलासपुर : अजीत जोगी की जाति मामले ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है. अब 1967 में नायब तहसीलदार रहे पतरस तिर्की ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा है कि, 'अगर अजीत जोगी मेरे हस्ताक्षर वाला जाति प्रमाण पत्र पेश करते हैं तो वो झूठा होगा, क्योंकि उस दौरान मैं गौरेला-पेंड्रा में पदस्थ नहीं था'.
बिलासपुर में रहने वाले 84 वर्षीय पतरस तिर्की ने शपथ पत्र दिया है कि, '1967-68 में गौरेला-पेंड्रा में नायब तहसीलदार कार्यालय ही अस्तित्व में नहीं था और अजीत जोगी द्वारा उपयोग किए गए जाति प्रमाण पत्र मेरे द्वारा कभी भी हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं'.