बिलासपुर: धान संग्रहण केंद्रों में लाखों क्विंटल धान रखा गया है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण धान खराब होने के कगार पर है. तय समयावधि के बाद भी अब तक करीब 8 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है. मिलर्स और विभागीय उदासीनता के कारण धान संग्रहण केंद्रों में अभी भी रखा हुआ है, जो बारिश में भींगकर खराब हो रहा है.
जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 16 लाख क्विंटल धान की मिलिंग करने के लिए 16 मिलरों से एग्रीमेंट किया गया था. मार्कफेड ने सभी मिलरों को उनकी क्षमता के आधार पर मिलिंग का लक्ष्य दिया था. 28 अगस्त तक का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन निर्धारित तारीख खत्म होने के बाद भी अब तक जिले के भरनी, मोपका, बिल्हा और सेमरताल में 8 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है.
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राइस मिलर्स धान उठाव में नहीं दिखा रहे रुचि
समय पर उठाव नहीं होने के कारण अब लगभग दो अरब कीमत का धान सड़ने की कगार पर है. मिलर्स और विभागीय उदासीनता के कारण संग्रहण केंद्रों में धान के जाम होने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि शुरुआत में फायदे को देखते हुए मिलर्स ने पतले धान का उठाव कर लिया है. मोटे धान को लेकर अब मिलर्स रुचि नहीं दिखा रहे हैं. बारिश में धान के सड़ने के कारण भी उठाव अटका हुआ है.
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दिखावे की कार्रवाई कर रहा विपणन विभाग
खाद्य और विपणन विभाग मिलर्स पर दबाव बनाना छोड़ केवल दिखावे की कार्रवाई कर खानापूर्ति कर रहे हैं. बता दें कि मामले को लेकर लगातार हाईकोर्ट में भी धान उठाव को लेकर याचिकाएं लग रही हैं, जिनका निराकरण दिशा निर्देशों के साथ किया जा रहा है, लेकिन मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद भी राइस मिलर्स गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं.