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बिलासपुर : लापरवाही ने ली जान, बच्ची का इलाज न कराकर परिजनों को सौंपा

अचानक तबीयत खराब होने से 6 साल की बच्ची की मौत हो गई है. परिजन मौत का जिम्मेदार आश्रम की महिला सैनिक को बता रहे हैं. उनका आरोप है बच्ची की जान लापरवाही के कारण गई है.

6 साल की बच्ची की मौत
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Published : Jul 19, 2019, 11:54 PM IST

बिलासपुर : मरवाही के कमला नेहरू आदिवासी कन्या आश्रम में पहली कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची की तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई है. बच्ची की तबीयत दो दिनों से खराब थी. परिजनों का आरोप है कि बच्ची को हॉस्पिटल ले जाने के बजाय परिजनों को सौंप दिया गया. इस दौरान घर लाने पर आधे घंटे के अंदर बच्ची की मौत हो गई.

6 साल की बच्ची की मौत

खुलासे के बाद स्थानीय और जिला प्रशासन मामले की जांच में जुटा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहा है.

क्या है पूरा मामला

  • दरअसल, पूरा मामला मरवाही विकासखंड के दूरस्थ आदिवासी ग्राम बेलझिरिया का है, जहां कमला नेहरू आदिवासी कन्या आश्रम में 3 जुलाई को कोरिया के मंगोरा गांव की 6 वर्षीय कांति विश्वकर्मा का पहली कक्षा में प्रवेश कराया गया था.
  • परिजनों के मुताबिक 3 जुलाई को कांति का दाखिला हुआ और 18 तारीख को उसकी मौत हो गई. आश्रम अधीक्षिका रेवती उदय ने बताया कि कांति को आश्रम में दो दिन से उल्टी हो रही थी. तबीयत में सुधार न दिखने पर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना छोड़ परिजनों को सौंप दिया गया. घर लाने पर आधे घंटे के अंदर बच्ची की मौत हो गई.
  • बता दें कि इस आश्रम में महिला सैनिक की भी पोस्टिंग की गई है, लेकिन 11 जुलाई के बाद वे आज तक आश्रम का जायजा लेने नहीं पहुंची. उन पर आरोप है कि वह आश्रम में न रहकर शाम होते ही अपने घर लौट जाती थी.

बिलासपुर : मरवाही के कमला नेहरू आदिवासी कन्या आश्रम में पहली कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची की तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई है. बच्ची की तबीयत दो दिनों से खराब थी. परिजनों का आरोप है कि बच्ची को हॉस्पिटल ले जाने के बजाय परिजनों को सौंप दिया गया. इस दौरान घर लाने पर आधे घंटे के अंदर बच्ची की मौत हो गई.

6 साल की बच्ची की मौत

खुलासे के बाद स्थानीय और जिला प्रशासन मामले की जांच में जुटा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहा है.

क्या है पूरा मामला

  • दरअसल, पूरा मामला मरवाही विकासखंड के दूरस्थ आदिवासी ग्राम बेलझिरिया का है, जहां कमला नेहरू आदिवासी कन्या आश्रम में 3 जुलाई को कोरिया के मंगोरा गांव की 6 वर्षीय कांति विश्वकर्मा का पहली कक्षा में प्रवेश कराया गया था.
  • परिजनों के मुताबिक 3 जुलाई को कांति का दाखिला हुआ और 18 तारीख को उसकी मौत हो गई. आश्रम अधीक्षिका रेवती उदय ने बताया कि कांति को आश्रम में दो दिन से उल्टी हो रही थी. तबीयत में सुधार न दिखने पर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना छोड़ परिजनों को सौंप दिया गया. घर लाने पर आधे घंटे के अंदर बच्ची की मौत हो गई.
  • बता दें कि इस आश्रम में महिला सैनिक की भी पोस्टिंग की गई है, लेकिन 11 जुलाई के बाद वे आज तक आश्रम का जायजा लेने नहीं पहुंची. उन पर आरोप है कि वह आश्रम में न रहकर शाम होते ही अपने घर लौट जाती थी.
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बिलासपुर मरवाही के बेलझिरिया गांव स्थिति कमला नेहरू आदिवासी कन्या आश्रम में 6 साल की पहली कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची की तबीयत बिगड़ने के बाद मौत होने का मामला सामने आया है 2 दिनों तक उल्टी से तबीयत बिगड़ने के बाद आश्रम कि अधीक्षिका बच्ची को अस्पताल ले जाने की बजाय परिजनों को बुलाकर उसे घर भेज दिया जहां घर पहुंचने के कुछ ही देर बाद बच्ची की मौत हो गई यहां तक कि बिना जवाब दारो को सूचना दिए मामले को रफा-दफा करने में जुट गई मामले का खुलासा होने के बाद स्थानीय और जिला प्रशासन मामले में जांच और उसके बाद दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात कह रही है।


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दरअसल पूरा मामला मरवाही विकास खंड के दूरस्थ आदिवासी ग्राम बेलझिरिया का है जहां पर स्थित कमला नेहरू आदिवासी कन्या आश्रम में 3 जुलाई को कोरिया जिले के खड़गवां के मंगोरा गांव की रहने वाली 6 वर्षीय कांति विश्वकर्मा का पहली कक्षा में प्रवेश उसकी मां ने कराया कांति के पिता उसके जन्म के बाद उनका निधन हो गया था मां ने बेहतर शिक्षा और संस्कार की आस लिए बच्ची को बेलझिरिया के कन्या आश्रम में दाखिला करा दिया था पर उस अभागी मां को यह नहीं पता था कि जहां वह अपने जिगर के टुकड़े को दाखिला करा रही है वहां उसके साथ ऐसी लापरवाही होगी और उसकी मौत हो जाएगी 3 जुलाई को कांति का दाखिला हुआ और कल 18 तारीख को उसकी मौत हो गई आश्रम अधीक्षिका रेवती उदय की मानें तो कांति को आश्रम में 2 दिन से उल्टी हो रही थी तबीयत में सुधार ना दिखने पर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना छोड़ तबीयत खराब होने की जानकारी उन्होंने तत्काल बच्ची के परिजनों को दे दी और परिजन बच्ची को अपने साथ ले गए जहां लगभग घंटे भर बाद बच्ची की मौत हो गई वहीं छात्रावास में एक महिला सैनिक की भी पोस्टिंग है पर लापरवाही तो देखिए महिला सैनिक 11 जुलाई को आश्रम में आमद देकर वापस चले गए और आज तक ड्यूटी पर वापस नहीं आई यहां तक की लापरवाही का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आश्रम में लापरवाही किस कदर है रात में आश्रम परिसर में बने अधीक्षिका में रहने के बजाय वह शाम होते ही गांव में अपने घर चले जाती है अब छोटी-छोटी बच्चियां आश्रम में किसके भरोसे रहे आश्रम के जवाबदार लोग और विभाग मामले में लीपापोती करने में जुट गया पर लोगों की सक्रियता के चलते जानकारी मीडिया को लगी और मामले का खुलासा हुआ वहीं घटना की जानकारी मिलते ही जिले के साथ स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंचकर मामले में जांच में जुट गई है और जांच के बाद दोषी आश्रम अधीक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किए जाने की बात कह रही है।


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बाइट रेवती उदय आश्रम अधीक्षिका बेलझिरिया

बाइट टीडी मरकाम तहसीलदार मरवाही

बाइट एल के लहरे सहायक संचालक आदिवासी
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