बीजापुर: सिलगेर कैंप (Silger Camp) को हटाने और सिलगेर में हुई गोलीबारी (firing in silger) के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर तर्रेम के पास करीब 25 दिनों से ग्रामीण धरने पर बैठे हैं. इस वजह से यहां भीड़-भाड़ की स्थिति बनी हुई है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की समझाइश के बाद भी लोग धरना प्रदर्शन में डटे हुए हैं. पिछले 15 दिनों से उसूर क्षेत्र में 500 से ज्यादा पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि की गई है. जबकि धरना प्रदर्शन से पहले यहां केवल 123 केस थे. ऐसे में प्रशासन ने उसूर इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है.
कई ग्रामीण हो चुके हैं संक्रमित
ग्रामीण अगर इसी तरह लापरवाही करेंगे तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी. तर्रेम क्षेत्र सुकमा जिला के बॉर्डर पर स्थित है. वहां भी दिन ब दिन केस बढ़ने के कारण आंशिक लॉकडाउन किया गया है. लगातार पॉजिटिव प्रकरण बढ़ने की दिशा में तहसील ने उसूर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. पूरा क्षेत्र हॉट-स्पॉट में तब्दील हो रहा है. जिनमें प्रमुख रुप से छुटवाही, गगनपल्ली, जारपल्ली, नरसापुर, मरूड़बाका, पुसबाका, रासपल्ली, बुदीचेरू, चिपुरभट्टी, पेगड़ापल्ली गांवों में ज्यादा मरीज पाए गए हैं.
SPECIAL: सिलगेर में डटे ग्रामीणों पर कोरोना संक्रमण का खतरा, सैकड़ों ग्रामीण हुए संक्रमित
ग्रामीणों को दी जा रही समझाइश
ये सब ग्रामीण धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के कारण संक्रमित हुए हैं. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार डोर टू डोर सर्वे कर रही है. मरीजों को आवश्यक दवाईयां देकर उनका इलाज किया जा रहा है. ग्रामीणों को समझाइश भी दी जा रही है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. लोगों को सावधानियां बरतने की हिदायत दी गई है. इस क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश का पालन करने की समझाइश दी गई है. आदेश का उल्लंघन करने वालो पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी के साथ लोगों से अपील की गई है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए घर पर रहें सुरक्षित रहें. पात्र हितग्राही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण अभियान में सहभागिता दिखाएं और टीका लगवाएं.