बीजापुर : छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन प्रदेश में नक्सल उन्मूलन अभियान चला रहा है. डीआरजी, बस्तर फाइटर और सीआरपीएफ 85, 222 बटालियन के संयुक्त प्रयास से नक्सली सरकार की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित हो रहे हैं. नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरेंडर कर रहे हैं.
दो नक्सलियों ने किया सरेंडर : इसी कड़ी में मंगलवार को गंगालूर एरिया कमेटी अंतर्गत पालनार आरपीसी मिलिशिया प्लाटून कमाण्डर सुखराम ऊर्फ गोपी और आरपीसी पुसनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य सन्नू पूनेम ने सरेंडर किया. पुलिस अधीक्षक बीजापुर आंजनेय वार्ष्णेय, कमांडेंट बटालियन सीआरपीएफ विनोद कुमार मोहरिल के सामने नक्सलियों की खोखली विचारधारा,भेदभाव पूर्ण व्यवहार और उपेक्षा से तंग आकर सरेंडर किया.
पालनार आरपीसी मिलिशिया प्लाटून कमाण्डर सुखराम ऊर्फ गोपी को साल 2004 में बाल संघम के पद पर भर्ती किया गया था.साल 2007 में पालनार आरपीसी मिलिशिया सदस्य के पद पर पदोन्नति मिली. 2007 से 2010 तक पालनार आरपीसी मिलिशिया सदस्य के रूप में काम किया. 2011 में डीएकेएमएस कमेटी सदस्य का काम सौंपा गया. 2016 मे आरपीसी पालनार में जनताना सरकार सदस्य का काम मिला. 2018 में आरपीसी पालनार मिलिशिया प्लाटून कमाण्डर की जवाबदारी दी गई.
सुखराम उर्फ गोपी किन घटनाओं में रहा शामिल :
• वर्ष 2007 में पोटामपारा के पास राशन सामग्री लूट की घटना में शामिल
• वर्ष 2008 में बीजापुर-चेरपाल मार्ग पर गडडा खोदकर मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में शामिल
• वर्ष 2010 में बीजापुर-गंगालूर मार्ग पर गडडा खोदकर मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में शामिल
• वर्ष 2016 में सावनार गुण्डापारा के पास IED लगाने की घटना में शामिल घटना में 02 जवान घायल हुए
• वर्ष 2021में चेरपाल, पालनार रोड निर्माण कार्य में लगी मिक्चर मशीन में आगजनी की घटना में शामिल
• वर्ष 2022 में गुडडी पूनेम की हत्या में शामिल
सन्नू पूनेम ऊर्फ करका सन्नू की जानकारी : साल 2000 में पुसनार आरपीसी में बाल संघम सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती हुआ. 2002 में सीएनएम सदस्य की जिम्मेदारी दी गई. साल 2004 में पुसनार सीएनएम अध्यक्ष बनाया गया. 2009 में आरपीसी पुसनार में भूमकाल मिलिशिया सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई.
सन्नू पूनेम किन घटनाओं में रहा शामिल :
• वर्ष 2005 में किरंदुल जिला दंतेवाड़ा विस्फोटक एवं हथियार लूट की घटना में शामिल
• वर्ष 2006 में गंगालूर राहत शिविर में हमला कर सलवा जुडुम कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल
• वर्ष 2021 में पुसनार-बुरजी मार्ग पर रोड खोद कर मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में शामिल
दोनों ही आत्मसमर्पित नक्सलियों की माने तो संगठन के अंदर उनके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाता था. वहीं शासन की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए दोनों से सरेंडर किया. आत्मसमर्पण करने पर इन्हें शासकीय योजना का लाभ मिला. शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के दोनों ही नक्सलियों को 25 -25 हजार की राशि दी गई है.