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'जर्जर सिस्टम' के बीच गढ़ रहा भविष्य, कब सुध लेगी सरकार

बीजापुर के एक स्कूल भोपालपटनम ब्लॉक के नलमपल्ली स्कूल में मासूम अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

खतरों के बीच पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे
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Published : Jul 28, 2019, 10:46 AM IST

Updated : Jul 28, 2019, 11:55 AM IST

बीजापुर: सरकार स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और भवनों की कायाकल्प के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर देती है. इसके बाद भी स्कूल में सुधार होता नजर नहीं आ रहा.भले ही सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का दम भर रही हो लेकिन स्कूलों की हालत में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा. जिले में कई स्कूल झोपड़ी में संचालित हैं तो कई स्कूलों के मरम्मत का टोटा लगा हुआ है.

जान जोखिम में डाल शिक्षा लेने पर मजबूर छात्र

जर्जर शिक्षा व्यवस्था
ऐसा ही एक स्कूल भोपालपटनम ब्लॉक के नलमपल्ली में है, जहां की जर्जर और बदहाल बिल्डिंग में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है. कभी भी यह जर्जर इमारतें जमींदोज होकर मासूमों की जिंदगी छीन सकती हैं. बारिश में छत से पानी टपकता है. मासूम अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. यही नहीं इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दे दी गई है बावजूद इसके अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की गई चर्चा
जिला पंचायत सदस्य ने इस बात को कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर स्कूल को शीघ्र बनाने की मांग की है, देखना है कि स्कूल की मरम्मत होगी या जोखिम भरे भवन में ही बच्चे पढ़ते रहेंगे.

बीजापुर: सरकार स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और भवनों की कायाकल्प के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर देती है. इसके बाद भी स्कूल में सुधार होता नजर नहीं आ रहा.भले ही सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का दम भर रही हो लेकिन स्कूलों की हालत में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा. जिले में कई स्कूल झोपड़ी में संचालित हैं तो कई स्कूलों के मरम्मत का टोटा लगा हुआ है.

जान जोखिम में डाल शिक्षा लेने पर मजबूर छात्र

जर्जर शिक्षा व्यवस्था
ऐसा ही एक स्कूल भोपालपटनम ब्लॉक के नलमपल्ली में है, जहां की जर्जर और बदहाल बिल्डिंग में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है. कभी भी यह जर्जर इमारतें जमींदोज होकर मासूमों की जिंदगी छीन सकती हैं. बारिश में छत से पानी टपकता है. मासूम अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. यही नहीं इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दे दी गई है बावजूद इसके अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की गई चर्चा
जिला पंचायत सदस्य ने इस बात को कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर स्कूल को शीघ्र बनाने की मांग की है, देखना है कि स्कूल की मरम्मत होगी या जोखिम भरे भवन में ही बच्चे पढ़ते रहेंगे.

Intro:शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ऐसी कोई कदम नहीं छोड़ रही है लेकिन स्कूलों की हालत में कोई तब्दीली नहीं किया जा रहा है। कही स्कूल भवनों की कमी है तो कहीं स्कूल भवन बना तो है लेकिन कई चीजों की कमी है ।

Body:जिले में कई स्कूल झोपड़ी में संचालित है तो कई स्कूलों के मरम्मत का टोटा लगा हुआ है ऐसे ही एक स्कूल भोपालपटनम ब्लॉक के नलमपल्ली का भी है स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं जान जोखिम भरे स्कूल पर पढ़ने मजबूर हैं बारिश में पानी टपकने का डर बना रहता है तो वही उससे ज्यादा छत गिरने का भय भी लगे रहता है लेकिन बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने मजबूर हैं यही नहीं इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दे दी गई है इसके बावजूद इस पर अब तक अमल नहीं किया गया। स्कूल के एक बैठक में इसका प्रस्ताव बनाकर भी दे चुके हैं के बावजूद भी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया।
Conclusion:इस एरिया के जिला पंचायत सदस्य ने वी इस बात को इस बार पुणे कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर शीघ्र बनाने की मांग करेंगे ।देखना है कि स्कूल की मररम्मत होगा या जोखिम डरे भवन में ही पड़ते रहेंगे

बाईट सददनम शिक्षक
बाईट बसन्त ताटी..जिला पंचायत सदस्य
Last Updated : Jul 28, 2019, 11:55 AM IST
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