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दिवाली के चौथे दिन नाग देवता की हुई पूजा, ये है इनकी मान्यताएं

भोपालपट्टनम इलाके के लोगों ने दिवाली के चौथे दिन नाग देवता की पूजा की. मान्यता है कि इससे इलाके लोगों के बच्चों के कान और नाभि में किसी तरह की बीमारी नहीं होती है.

दिवाली के चौथे दिन नाग देवता की हुई पूजा
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Published : Oct 31, 2019, 10:02 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 11:28 PM IST

बीजापुर: भोपालपट्टनम के भैरमगढ़ इलाके के लोगों ने दीपावली के चौथे दिन नाग देवता की पूजा की. इलाके के लोगों ने इस पूजा को नागुल चौथ के रूप में करते हैं. जहां नाग का बीम बना हुआ रहता है, वहां जाकर लोग नाग देवता की पूजा करते हैं.

दरअसल, कई वर्षों से चली आ रही परंपरा, जिसमें दीपावली के चौथे दिन नाग देवता की पूजा करते हैं. लोगों का मानना है कि नाग देवता की पूजा कर उस मट्टी को बच्चों के कान और नाभि में लगाया जाता है, जिससे कान और नाभि में पीपनी भरता. इस मिट्टी को लगाने से नहीं भरता है.

लोगों में दिखा उत्साह
बता दें कि इस दौरान भोपालपट्टनम, आवापल्ली, मद्देड़, भैरमगढ़, कुटरु समेत कई अंदरूनी इलाकों के युवा, पुरुष, महिलाओं ने नाग देवता की पूजा की.

बीजापुर: भोपालपट्टनम के भैरमगढ़ इलाके के लोगों ने दीपावली के चौथे दिन नाग देवता की पूजा की. इलाके के लोगों ने इस पूजा को नागुल चौथ के रूप में करते हैं. जहां नाग का बीम बना हुआ रहता है, वहां जाकर लोग नाग देवता की पूजा करते हैं.

दरअसल, कई वर्षों से चली आ रही परंपरा, जिसमें दीपावली के चौथे दिन नाग देवता की पूजा करते हैं. लोगों का मानना है कि नाग देवता की पूजा कर उस मट्टी को बच्चों के कान और नाभि में लगाया जाता है, जिससे कान और नाभि में पीपनी भरता. इस मिट्टी को लगाने से नहीं भरता है.

लोगों में दिखा उत्साह
बता दें कि इस दौरान भोपालपट्टनम, आवापल्ली, मद्देड़, भैरमगढ़, कुटरु समेत कई अंदरूनी इलाकों के युवा, पुरुष, महिलाओं ने नाग देवता की पूजा की.

Intro:बीजापुर - जिले में कई वर्षों से दीपावली के चौथे दिन नागुल चौथ के नाम से जाना जाता है इस दिन जहाँ नाग का बीम बना हुआ रहता है उस इलाके जाकर लोग पूजा करते हैं। जिला मुख्यालय समेत भोपालपट्टनम, आवापल्ली, मद्देड़,भैरमगढ़, कुटरु कई अंदरूनी गांव में भी युवा,पुरुष,महिलाओं ने पूजा की।Body:कई वर्षों से परंपरागत चलती आ रही इस पूजा के दिन नाग देवता की पूजा कर उस मट्टी को बच्चों के कान और नाभि में लगाया जाता है ।Conclusion:बताया जाता है कि जिससे कान व नाभि में पीपनी भरता इस मिट्टी को लगाने से नही भरता है। इसी परंपरा के अंतर्गत आज जिले वासियों ने नाग देवता की पूजा अर्चना की है।युवा,पुरुष व महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ पूजा की ।

बाईट मितेश युवक
Last Updated : Oct 31, 2019, 11:28 PM IST
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