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बीजापुर: सड़क पर दिखने लगे राहगीर, बैकफुट पर नक्सली! - बैकफुट पर आते ही दिखने लगे राहगीर

भोपालपट्टनम और तिमेड़ इलाके के इंद्रावती नदी पर पुल बन जाने से लोगों को आवागमन में सुविधा हो रही है. पुल बन जाने से अब ठेकेदारों को भी सहूलियत होने लगी है. साथ ही लोगों को इलाज और शिक्षा के लिए महाराष्ट्र और तेलंगाना आने जाने में काफी मदद साबित हो रहा है.

Passengers get convenience due to bridge over Indravati river
खौफ से विरान रहती थी सड़कें
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Published : Dec 28, 2019, 2:16 PM IST

बीजापुर: धुर नक्सल प्रभावित भोपालपट्टनम और तिमेड़ इलाके से होकर कोई भी राहगीर महाराष्ट्र या नागपुर जाने के लिए तैयार नहीं होता था, लेकिन अब धीरे-धीरे नक्सली बैकफुट पर है, जिससे लोगों का अब नक्सल इलाके में आवागमन शुरू हो रहा है. इसका मुख्य कारण है कि नक्सल इलाका तिमेड़ के इन्द्रावती नदी पर पुल बन गया है. इससे अब सीमावर्ती राज्य तेलंगाना, महाराष्ट्र जाने में कम समय लगता है. साथ ही डीजल-पेट्रोल की भी खपत कम हो रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से तमेड़ और भोपलपट्टनम के रास्ते कोई आना जाना नहीं चाहता था, लेकिन अब दिनभर में 10-15 गाड़ियां इस रास्ते आयरनयुक्त गिट्टी लेकर महाराष्ट्र जाती है. पहले लोगों के मन में नक्सलियों का खौफ बना रहता था कि वे वाहनों को आग के हवाले न कर दें, क्योंकि नक्सली इस मार्ग में कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.

हैदराबाद और नागपुर जाने में लोगों को सुविधा
साथ ही इलाके के लोगों का कहना है पुल बन जाने से महाराष्ट्र, तेलंगाना से छत्तीसगढ़ से रिश्ते नाते और बनते जा रहे हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हैदराबाद, नागपुर की ओर जाने में सुविधा हो रही है. इतना ही नहीं अब पुल के बन जाने से बैलाडीला से आयरनयुक्त गिट्टी रोजाना कई ट्रक महाराष्ट्र के लिए भी भेजा जा रहा है. इससे ठेकेदारों को भी काफी फायदा पहुंच रहा है.

बीजापुर: धुर नक्सल प्रभावित भोपालपट्टनम और तिमेड़ इलाके से होकर कोई भी राहगीर महाराष्ट्र या नागपुर जाने के लिए तैयार नहीं होता था, लेकिन अब धीरे-धीरे नक्सली बैकफुट पर है, जिससे लोगों का अब नक्सल इलाके में आवागमन शुरू हो रहा है. इसका मुख्य कारण है कि नक्सल इलाका तिमेड़ के इन्द्रावती नदी पर पुल बन गया है. इससे अब सीमावर्ती राज्य तेलंगाना, महाराष्ट्र जाने में कम समय लगता है. साथ ही डीजल-पेट्रोल की भी खपत कम हो रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से तमेड़ और भोपलपट्टनम के रास्ते कोई आना जाना नहीं चाहता था, लेकिन अब दिनभर में 10-15 गाड़ियां इस रास्ते आयरनयुक्त गिट्टी लेकर महाराष्ट्र जाती है. पहले लोगों के मन में नक्सलियों का खौफ बना रहता था कि वे वाहनों को आग के हवाले न कर दें, क्योंकि नक्सली इस मार्ग में कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.

हैदराबाद और नागपुर जाने में लोगों को सुविधा
साथ ही इलाके के लोगों का कहना है पुल बन जाने से महाराष्ट्र, तेलंगाना से छत्तीसगढ़ से रिश्ते नाते और बनते जा रहे हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हैदराबाद, नागपुर की ओर जाने में सुविधा हो रही है. इतना ही नहीं अब पुल के बन जाने से बैलाडीला से आयरनयुक्त गिट्टी रोजाना कई ट्रक महाराष्ट्र के लिए भी भेजा जा रहा है. इससे ठेकेदारों को भी काफी फायदा पहुंच रहा है.

Intro:बीजापुर - बैलाडीला से आयरन गिट्टी रोजाना सैकड़ों गाड़ियां महाराष्ट्र के लिए रवाना होती है जो बैलाडीला से गीदम जगदलपुर व राजनांदगांव होते हैं भंडारा(महारास्ट्र) पहुंचती है कई वर्षों से इसी मार्ग से ट्रक और टिप्पर जाते हैं । लेकिन अब जबसे जिले के अंतिम छोर में भोपालपटनम के पास तिमेड में इन्द्रावती पुल के बनने के बाद से अब आयरन से भरी वाहन इस पुल में से होते हुए गुजर रही है करीब रोजाना 8 से 10 गाड़िया इस बीजापुर, भोपालपटनम, तिमेड से होते हुए इंद्रावती पुल पार कर महाराष्ट्र भंडारा जा रही है बताया जा रहा है कि अब तो रोजाना 10 गाड़िया जाती है लेकिन बाकी गाड़िया बैलाडीला से राजनांदगांव होते हुए जा रही है,Body:बीजापुर जिले को धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र मानते हुए इस बात को लेकर भय बना रहता है कि वाहनों को नक्सली आग के हवाले न कर दे क्योकि इस मार्ग में वाहनों में आग के हवाले करने का कई मामले हो चुके है। वही इस मार्ग से गुजरने वालो को दूरी व डीजल की खपत में बहुत कमी होती है जिससे उनका राशि मे भी फायदा हो रहा है।Conclusion:वही इस पुल बनने से महारास्ट्र,तेलंगाना से छत्तीसगढ़ से रिश्ते नाते और बनते जा रहे है।शिक्षा व स्वारथ सेवाओ के लिये हैदराबाद, नागपुर की और जाने में सुविधा हो गयी।

बाईट रमेश कुमार फारेस्ट गार्ड (जो कुर्सी में बैठे है)
बाईट अफजल भोपालपटनम(दाढ़ी वाले)
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