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बीजापुर : राष्ट्रीय राजमार्ग बना मवेशियों का अड्डा, राहगीर हो रहे हादसे का शिकार

बीजापुर जिला मुख्यालय से लेकर NH-63 से लगे जिले के अंतिम छोर तक इन दिनों मवेशियों के झुंड से राहगीर परेशान हैं, लेकिन प्रशासन लापरवाही बरत रहा है, मवेशियों के लिए कोई इंतेजाम नहीं किए गए हैं.

Passengers falling victim to cattle herd in bijapur
राष्ट्रीय राजमार्ग बना मवेशियों का अड्डा
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Published : Mar 15, 2020, 6:02 PM IST

बीजापुर: जिला मुख्यालय से लेकर NH-63 से लगे जिले के अंतिम छोर तक इन दिनों मवेशियों के झुंड से राहगीर परेशान हैं. गांव से लेकर शहर, मद्देड, मोदकपाल, गिलगिच्चा, चेरपल्ली समेत भोपालपटनम नगर पंचायत मुख्यालय के सड़कों पर शाम होते ही मवेशियों का झुंड लगा रहता है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को आने-जाने में परेशानी होती है. मवेशियों के झुंड से कई मर्तबा इलाके में गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

बता दें कि कुछ माह पहले ही मद्देड मुख्य सड़क पर मवेशियों के झुंड से कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें एक डॉक्टर की भी मौत हो चुकी है. कहने को तो कई जगह गौठान भी बन चुके हैं, लेकिन देख-रेख के अभाव में गौठानों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. साथ ही कुछ स्थानों पर गौठान भी अब तक नहीं बने हैं.

मवेशियों के मालिकों को किया जाएगा इत्तला

मामले में जब ETV भारत की टीम ने अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही, तो अधिकारियों ने कैमरे के सामने आने से इंकार कर दिया. मौखिक रूप से कहा कि 'बहुत जल्द ही गौठान बनाए जाएंगे और मवेशियों से संबंधित मालिकों को इत्तला कर मवेशियों को गौठनों में रखने की व्यवस्था की जाएगी.

बीजापुर: जिला मुख्यालय से लेकर NH-63 से लगे जिले के अंतिम छोर तक इन दिनों मवेशियों के झुंड से राहगीर परेशान हैं. गांव से लेकर शहर, मद्देड, मोदकपाल, गिलगिच्चा, चेरपल्ली समेत भोपालपटनम नगर पंचायत मुख्यालय के सड़कों पर शाम होते ही मवेशियों का झुंड लगा रहता है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को आने-जाने में परेशानी होती है. मवेशियों के झुंड से कई मर्तबा इलाके में गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

बता दें कि कुछ माह पहले ही मद्देड मुख्य सड़क पर मवेशियों के झुंड से कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें एक डॉक्टर की भी मौत हो चुकी है. कहने को तो कई जगह गौठान भी बन चुके हैं, लेकिन देख-रेख के अभाव में गौठानों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. साथ ही कुछ स्थानों पर गौठान भी अब तक नहीं बने हैं.

मवेशियों के मालिकों को किया जाएगा इत्तला

मामले में जब ETV भारत की टीम ने अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही, तो अधिकारियों ने कैमरे के सामने आने से इंकार कर दिया. मौखिक रूप से कहा कि 'बहुत जल्द ही गौठान बनाए जाएंगे और मवेशियों से संबंधित मालिकों को इत्तला कर मवेशियों को गौठनों में रखने की व्यवस्था की जाएगी.

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