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बीजापुर: एक-दूसरे के प्यार के लिए खूंखार नक्सली गोपी और भारती ने छोड़ा संगठन - नक्सली गोपी मोडियम सरेंडर

बीजापुर जिले के नक्सली गोपी और भारती ने प्यार की खातिर नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है. नक्सली गोपी और भारती ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. अब ये दोनों एक समान्य जिंदगी जीना चाहते है. पढ़ें पूरी खबर...

gopi modium and bharti
गोपी मोडियम और भारती
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Published : May 19, 2020, 5:52 PM IST

बीजापुर: कहते हैं मोहब्बत हो जाए तो दुनिया को देखने का नजरिया बदल जाता है. इस प्रेम कहानी में भी ऐसा ही हुआ है. एक-दूसरे के प्यार में गिरफ्तार नक्सली गोपी और भारती ने नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा में आने का फैसला लिया और अपनी दुनिया बदलने की ठानी. प्यार की खातिर नक्सली गोपी और भारती ने पुलिस के सामने आत्मसर्मपण कर दिया है. दोनों सामान्य जिंदगी जीना चाहते हैं.

गोपी मोडियम बीजापुर जिले के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाके गंगालुर एरिया कमेटी में पिछले 15 सालों से सक्रिय था. वहीं भारती नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर थी. दोनों पूछताछ के लिए फिलहाल रायपुर पुलिस के कब्जे में हैं. बाद में उन्हें बीजापुर भेजा जाएगा.

15 साल से संगठन में सक्रिय था गोपी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली कमांडर गोपी मोडियम पिछले 15 साल से गंगालूर एरिया कमेटी में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए संगठन में सक्रिय रहा है. आत्मसमर्पण करने के लिए गोपी अपनी प्रेमिका भारती के साथ पुलिस के पास पहुंचा. बताया तो ये भी जा रहा है कि उसे प्रेम प्रसंग के चलते ही कई बार संगठन से हटाया भी किया जा चुका था.

सुकमा में हुई थी भारती से मुलाकात

गोपी मोडियम की मुलाकात कुछ साल पहले सुकमा क्षेत्र में सक्रिय महिला नक्सली डिप्टी कमांडर भारती से हुई थी. दोनों ने एकसाथ रहने का फैसला लिया, जो संगठन को मंजूर नहीं था. दोनों ऐसे व्यक्ति को तलाश रहे थे, जो उनकी मदद आत्मसमर्पण के लिए कर सके. इसके लिए उन्होंने कई बार सीआरपीएफ को पत्र भी लिखा था. किसी तरह दोनों बीजापुर आए, जहां से पूछताछ के लिए उन्हें रायुपर लाया गया है.

पहले भी आई थीं सरेंडर की खबरें

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समर्पण करने से पहले नक्सली नेता गोपी मोडियम ने संगठन के नाम पीडिया गांव में एक पत्र छोड़ा था, जिसमें उसने संगठन छोड़ कर जाने की इच्छा जाहिर की थी. बताया जा रहा है कि वह पत्र कुख्यात नक्सली कमांडर पापा राव के हाथ लग गया, जिसके बाद आत्मसमर्पण करने के लिए निकले गोपी और भारती की तलाश शुरू की गई लेकिन तब तक वह पुलिस के हाथ लग चुका था.

पढ़ें- पत्नी और बेटी की गुहार के बाद अगवा जवान को नक्सलियों ने छोड़ा

6 साल से कर रहा था लेवी वसूलने का काम

गोपी पिछले 6 सालों से संगठन के लिए लेवी वसूली का भी काम किया करता था और इसने बहुत कम समय में ही संगठन के बड़े पदों पर काबिज होकर कई बड़ी वारदातों को भी अंजाम दिया था. इसके पहले भी गोपी के आत्मसमर्पण करने की कई खबरें मिली थी लेकिन वे गलत साबित हुई थी.

जल्द लाए जाएंगे बीजापुर

इस मामले में बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप का कहना है कि नक्सली नेता गोपी और उसकी प्रेमिका ने आत्मसमर्पण किया है लेकिन फिलहाल वो रायपुर में हैं. दोनों को जल्द बीजापुर लाया जाएगा. आत्म समर्पित नक्सली गोपी मूलतः बीजापुर जिले के चेरकंटी गांव का रहने वाला है और यह सलवा जुडूम के दौर में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

बीजापुर: कहते हैं मोहब्बत हो जाए तो दुनिया को देखने का नजरिया बदल जाता है. इस प्रेम कहानी में भी ऐसा ही हुआ है. एक-दूसरे के प्यार में गिरफ्तार नक्सली गोपी और भारती ने नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा में आने का फैसला लिया और अपनी दुनिया बदलने की ठानी. प्यार की खातिर नक्सली गोपी और भारती ने पुलिस के सामने आत्मसर्मपण कर दिया है. दोनों सामान्य जिंदगी जीना चाहते हैं.

गोपी मोडियम बीजापुर जिले के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाके गंगालुर एरिया कमेटी में पिछले 15 सालों से सक्रिय था. वहीं भारती नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर थी. दोनों पूछताछ के लिए फिलहाल रायपुर पुलिस के कब्जे में हैं. बाद में उन्हें बीजापुर भेजा जाएगा.

15 साल से संगठन में सक्रिय था गोपी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली कमांडर गोपी मोडियम पिछले 15 साल से गंगालूर एरिया कमेटी में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए संगठन में सक्रिय रहा है. आत्मसमर्पण करने के लिए गोपी अपनी प्रेमिका भारती के साथ पुलिस के पास पहुंचा. बताया तो ये भी जा रहा है कि उसे प्रेम प्रसंग के चलते ही कई बार संगठन से हटाया भी किया जा चुका था.

सुकमा में हुई थी भारती से मुलाकात

गोपी मोडियम की मुलाकात कुछ साल पहले सुकमा क्षेत्र में सक्रिय महिला नक्सली डिप्टी कमांडर भारती से हुई थी. दोनों ने एकसाथ रहने का फैसला लिया, जो संगठन को मंजूर नहीं था. दोनों ऐसे व्यक्ति को तलाश रहे थे, जो उनकी मदद आत्मसमर्पण के लिए कर सके. इसके लिए उन्होंने कई बार सीआरपीएफ को पत्र भी लिखा था. किसी तरह दोनों बीजापुर आए, जहां से पूछताछ के लिए उन्हें रायुपर लाया गया है.

पहले भी आई थीं सरेंडर की खबरें

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समर्पण करने से पहले नक्सली नेता गोपी मोडियम ने संगठन के नाम पीडिया गांव में एक पत्र छोड़ा था, जिसमें उसने संगठन छोड़ कर जाने की इच्छा जाहिर की थी. बताया जा रहा है कि वह पत्र कुख्यात नक्सली कमांडर पापा राव के हाथ लग गया, जिसके बाद आत्मसमर्पण करने के लिए निकले गोपी और भारती की तलाश शुरू की गई लेकिन तब तक वह पुलिस के हाथ लग चुका था.

पढ़ें- पत्नी और बेटी की गुहार के बाद अगवा जवान को नक्सलियों ने छोड़ा

6 साल से कर रहा था लेवी वसूलने का काम

गोपी पिछले 6 सालों से संगठन के लिए लेवी वसूली का भी काम किया करता था और इसने बहुत कम समय में ही संगठन के बड़े पदों पर काबिज होकर कई बड़ी वारदातों को भी अंजाम दिया था. इसके पहले भी गोपी के आत्मसमर्पण करने की कई खबरें मिली थी लेकिन वे गलत साबित हुई थी.

जल्द लाए जाएंगे बीजापुर

इस मामले में बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप का कहना है कि नक्सली नेता गोपी और उसकी प्रेमिका ने आत्मसमर्पण किया है लेकिन फिलहाल वो रायपुर में हैं. दोनों को जल्द बीजापुर लाया जाएगा. आत्म समर्पित नक्सली गोपी मूलतः बीजापुर जिले के चेरकंटी गांव का रहने वाला है और यह सलवा जुडूम के दौर में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

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