बीजापुर: कवासी लखमा ने कहा " अजय चंद्राकर के बयान पर पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई है. एक गाय बैल चराने, तेंदूपत्ता तोड़ने वाले के मंत्री बन जाने से उनको तकलीफ हो रही है. झीरम घटना के वक्त किसकी सरकार थी.? डीजी को पत्र लिखने के बाद भी सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ? कांग्रेस के नेताओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ? आखिर सुरक्षा देने से कौन रोक रहा था ? आज हमारी सरकार है और पूर्वमंत्री महेश गागड़ा और केदार कश्यप को सुरक्षा दी जा रही हैं. लेकिन उस समय हमारे नेताओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई. अजय चंद्राकर आने वाले चुनाव हार रहे हैं इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. बस्तर ही नहीं छत्तीसगढ़ कि जनता भाजपा के मंत्रियों को जान चुकी है. जनता ही उन्हें जवाब देगी. "
उम्मीद से ज्यादा मिला, सीएम का दावेदार नहीं: मीडिया से चर्चा में लखमा ने खुद को मुख्यमंत्री पद का दूर दूर तक दावेदार नहीं होने की बात कही. लखमा ने कहा "तेंदुपत्ता तोड़ने वाले को इतना बड़ा पद मिला, यहीं बहुत है. कांग्रेस पार्टी दरी बिछाने बोलेगी तो वो करुंगा. झंडा बांधने बोलेंगे तो वो बांधुंगा. नारे लगाने कहेंगे तो वो करुंगा. नेहरू गांधी पार्टी के परिवार का आदमी हूं. राहुल गांधी ने मेरे जैसे आदमी को मंत्री बनाया. आदिवासियों को किसी ब बात का लालच नहीं होता. हम सेवा करने पर विश्वास करते हैं. "
इससे पहले गुरुवार को मंत्री कवासी लखमा ने अपने बीजापुर प्रवास के दौरान भैरमगढ़ ब्लॉक के आठ स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल में समायोजित करते हुए कक्ष निर्माण के लिए 3 करोड़ 68 लाख रूपए की सौगात देते हुए भूमिपूजन किया. इन स्कूलों में नेलसनार, माटवाड़ा, कोडोली, पिनकोंडा, भैरमगढ़ और पुसनार शामिल हैं.