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फ्रंट लाइन वर्कर्स से मजाक कर रही प्रदेश सरकार : महेश गागड़ा

वेतन नहीं मिलने की शिकायत लेकर स्वास्थ्यकर्मी पूर्व मंत्री महेश गागड़ा से मिले. पूर्व मंत्री ने उन्हें आश्वसान देने के साथ छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा.

Former minister Mahesh Gagda targeted Chhattisgarh government
वेतन नहीं मिलने की शिकायत लेकर स्वास्थ्यकर्मी पूर्व मंत्री महेश गागड़ा से मिले
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Published : Jan 24, 2021, 10:57 AM IST

बीजापुर: बीजापुर जिले के फंटलाइन वर्कर्स ने कोरोना काल में किए गए वेतन का भुगतान नहीं होने पर पूर्व मंत्री से अपनी परेशानी बताई. दरअसल चारों विकासखंडों में वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखते हुए कोविड केयर सेंटर्स व अन्य कोविड कार्यो में संविदा के आधार पर कार्य करने स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति किया गया था. जिला स्वास्थ्य समिति ने राज्य आपदा मोचन निधि व अन्य मद से 17 महिला स्वास्थ्यकर्ताओं को कलेक्टर दर 9050 रुपये पर अस्थायी रूप से 89 कार्य दिवस के लिए आगामी आदेश तक नियुक्ति का आदेश दिया. लेकिन कोविड कार्यकाल में किए गए काम का भुगतान अब तक नहीं हो सका है.

भुगतान नहीं होने के बाद स्वास्थ्यकर्मी भाजपा के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा के पास पहुंचे और उन्हें अपनी परेशानी बताई. पूर्व मंत्री ने उन्हें आश्वस्त करते हुए जल्द से जल्द मदद करने के साथ वेतन दिलाने की बात कही.

पढ़ें: जांजगीर-चांपा: मजदूरों और किसानों के पलायन से वीरान हो रहे गांव

'स्वास्थ्यकर्मियों का मानदेय रोक रही सरकार'

पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने सरकार पर आरोप लगाया की कोविड-19 के नाम से सरकार राशन से लेकर दवाई, शराब में टैक्स वसूल रही है लेकिन कोविड-19 के समय महामारी में अति सवेंदनशील कार्य करने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब तक मानदेय नहीं दिया गया है. उन्होंने शासन-प्रशासन से तत्काल मानदेय भुगतान करने की मांग की. गागड़ा ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों का मानसिक, आर्थिक शोषण किया और बाहर कर दिया.

'जल्द होगा भुगतान'

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीआर पुजारी ने कहा की शासन से राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण महिला स्वास्थ्य कर्ताओं को भुगतान नहीं हुआ था, शासन से राशि जारी हो गई है , एक दो दिनों में वेतन भुगतान कर दिया जाएगा.

बीजापुर: बीजापुर जिले के फंटलाइन वर्कर्स ने कोरोना काल में किए गए वेतन का भुगतान नहीं होने पर पूर्व मंत्री से अपनी परेशानी बताई. दरअसल चारों विकासखंडों में वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखते हुए कोविड केयर सेंटर्स व अन्य कोविड कार्यो में संविदा के आधार पर कार्य करने स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति किया गया था. जिला स्वास्थ्य समिति ने राज्य आपदा मोचन निधि व अन्य मद से 17 महिला स्वास्थ्यकर्ताओं को कलेक्टर दर 9050 रुपये पर अस्थायी रूप से 89 कार्य दिवस के लिए आगामी आदेश तक नियुक्ति का आदेश दिया. लेकिन कोविड कार्यकाल में किए गए काम का भुगतान अब तक नहीं हो सका है.

भुगतान नहीं होने के बाद स्वास्थ्यकर्मी भाजपा के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा के पास पहुंचे और उन्हें अपनी परेशानी बताई. पूर्व मंत्री ने उन्हें आश्वस्त करते हुए जल्द से जल्द मदद करने के साथ वेतन दिलाने की बात कही.

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'स्वास्थ्यकर्मियों का मानदेय रोक रही सरकार'

पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने सरकार पर आरोप लगाया की कोविड-19 के नाम से सरकार राशन से लेकर दवाई, शराब में टैक्स वसूल रही है लेकिन कोविड-19 के समय महामारी में अति सवेंदनशील कार्य करने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब तक मानदेय नहीं दिया गया है. उन्होंने शासन-प्रशासन से तत्काल मानदेय भुगतान करने की मांग की. गागड़ा ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों का मानसिक, आर्थिक शोषण किया और बाहर कर दिया.

'जल्द होगा भुगतान'

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीआर पुजारी ने कहा की शासन से राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण महिला स्वास्थ्य कर्ताओं को भुगतान नहीं हुआ था, शासन से राशि जारी हो गई है , एक दो दिनों में वेतन भुगतान कर दिया जाएगा.

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