बीजापुर : जिले के थाना बासागुड़ा क्षेत्रा के मुरदण्डा और तिमापुर कैम्प के बीच तीन किलो का आईईडी बरामद किया गया. नक्सलियों ने सुरक्षा पार्टी को निशाना बनाने के लिए आईईडी बम लगाया गया था. सीआरपीएफ बटालियन और बीडीएस बीजापुर की टीम ने डी-माईनिंग के दौरान आईईडी बरामद की. आईईडी को मौके पर ही डिफ्यूज किया गया. टीम की सतर्कता के कारण एक बार फिर एक बड़ी घटना होने से टल गई.
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Chhattisgarh | Three kg of IED was recovered between Murdanda and Timapur camps under Basaguda PS in Bijapur district. IED was defused by was Bomb Disposal Squad. pic.twitter.com/Yltfuvicw8
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 3, 2023Chhattisgarh | Three kg of IED was recovered between Murdanda and Timapur camps under Basaguda PS in Bijapur district. IED was defused by was Bomb Disposal Squad. pic.twitter.com/Yltfuvicw8
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नक्सलियों ने आईईडी को बनाया नया हथियार : नक्सली अब आईईडी से पुलिस और फोर्स को निशाना बनाने में लगे हैं. मुठभेड़ में पुलिस के बढ़ते दबाव और कमजोर नेटवर्क के कारण अब नक्सलियों ने आईईडी को अपना हथियार बनाया है. आपको बता दें कि फोर्स ने बीते एक महीने में गंगालूर, भैरमगढ़, आवापल्ली ब्लॉक समेत बीजापुर ब्लॉक में 8 से ज्यादा आईईडी बम बरामद किया है.
फॉक्सहोल मैकेनिज्म का कर रहे हैं इस्तेमाल: दंतेवाड़ा के अरनपुर में आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी के 10 जवानों की शहादत हुई थी. इसे लेकर बस्तर पुलिस ने खुलासा किया था कि आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को कुछ महीने पहले सुरंग खोदकर सड़क के नीचे लगाया गया था. नक्सलियों ने इसके लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया, उसे 'फॉक्सहोल मैकेनिज्म' कहा जाता है. इस तकनीक में गड्ढा खोदकर नक्सली बारूद छिपा देते हैं या खुद को छिपाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. इस तकनीक का प्रयोग होने की वजह से डी-माइनिंग के दौरान जवानों को आईईडी का पता नहीं चल पाया था.