बीजापुर: बीजापुर विधायक के एस्कार्ट वाहन पर हमला करने वाले और 32 बड़ी वारदातों को अंजाम देने वाले नक्सलियों ने आखिरकार सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में पांच हार्डकोर माओवादी हैं. सभी माओवादी बीजापुर के गंगालूर और भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय थे. सरेंडर करने वालों में भैरमगढ़ एरिया कमेटी का मिलिशिया कमांडर और डिप्टी कमांडर भी शामिल है. बाकी के तीन नक्सली मिलिशिया के सदस्य और जीआरडी के सदस्य हैं.
पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर: सरकार की पुनर्वास नीति से सरेंडर करने वाले माओवादियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बीजापुर में भी पांच नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. समर्पण करने वाले सभी नक्सली बड़ी बड़ी वारदातों में शामिल रहे हैं. पुलिस ने माओवादियों के समर्पण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब ये प्रक्रिया रुकने वाली नहीं है. आने वाले दिनों नक्सलवाद की राह छोड़कर मुख्यधारा में आने वालों की संख्या में और इजाफा होने वाला है. पुलिस ने सरेंडर करने वाले सभी पांचों नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25 - 25 हजार का चेक भी सौंपा.
नक्सली नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप: सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने अपने नक्सली नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले माओवादियों ने कहा कि नक्सली नेता उनके साथ भेदभाव करते हैं. बड़े नक्सली नेता उनको उचित सम्मान भी नहीं देते. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने अपने आकाओं की पोल खोली हो. इससे पहले भी आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सलियों ने तो प्रताड़ित किए जाने का भी गंभीर आरोप लगा चुकी हैं. माओवादियों के लेवी के पैसे में बड़ी हिस्सेदारी सिर्फ बड़े नेताओं तक जाती है इसका भी आरोप समय समय पर सरेंडर करने वाले नक्सली लगाते रहे हैं.