बीजापुर: बीजापुर: भोपालपटनम नगर पंचायत (Bhopalpatnam Nagar Panchayat) में आज अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने जाएंगे. आज विजयी पार्षद भी शपथ लेंगे. कांग्रेस, भोपालपटनम निकाय चुनाव में बंपर जीत से उत्साहित है. कांग्रेस का उत्साहित होना भी लाजमी है, क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशियों ने बीजेपी को उसी के वार्ड में शिकस्त दी है.
कांग्रेस-बीजेपी के बीच था अहम मुकाबला
अब पार्षदों में बेचैनी है कि "किसके सिर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का ताज" सजेगा. नगर पंचायत बनने के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव जनता करती थी. प्रथम नगर पंचायत चुनाव 2011 में हुआ. जिसमें अध्यक्ष प्रत्याशी कांग्रेस की ओर से गौतम कामेश्वर और भाजपा की ओर से बसंत रावताटी थे. इस चुनाव में लगभग 634 वोटों से गौतम कामेश्वर विजयी रहे. 7 कांग्रेसी, 6 बीजेपी और 2 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. साल 2016 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से गौतम कामेश्वर ने दोबारा अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के प्रत्याशी वासम उगेन्द्र को मात्र 11 वोट से हराया था. इस चुनावी रण में भाजपा के 11, कांग्रेस के 3 और 1 निर्दलीय पार्षद ने जीत हासिल की थी.
बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस की सेंधमारी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनते ही निकाय चुनाव में अध्यक्ष का चयन जनता द्वारा ना होकर पार्षद करते हैं. नगर पंचायत में अध्यक्ष का पद महिला अजजा के लिए सुरक्षित है. सुकना तलाण्डी, सुनीता एट्टी, रिंकी कोरम , पार्वती गौतम, विजय लक्ष्मी वासम, शशिकला डब्बागटला पहली बार चुने गए हैं. सभी की शैक्षणिक योग्यता लगभग 10-12वीं पास है. सभी अध्यक्ष पद के दावेदार हैं.
उपाध्यक्ष की दौड़ में वार्ड. 2 से अरूण कोरम, 7 से शेख रज्जाक, 8 से नीरज सुनारकर, 9 से विजार खान, 10 से आशा आत्मकुरी, 11 से संतोष बोरे, 13 से सपना कटरेवला, 14 से रविन्द्र फेरमल, 15 से अरूण वासम. इनकी भी शैक्षणिक योग्यता 10-12वीं पास है. संतोष बोरे स्नातकोत्तर और अजा से नीरज सुनारकर समकक्ष स्नातकोत्तर है.
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर संशय बरकरार
लोगों में चर्चा का विषय है कि जिला और जनपद पंचायत में अध्यक्ष का पद आरक्षित वर्ग के लिए है. लेकिन उपाध्यक्ष का पद भी आरक्षित वर्ग को दिया गया है. इससे सामान्य और पिछड़ा वर्ग में संशय है? इसको ध्यान में रखते हुए संगठन को सामान्य वर्ग पर ध्यान केन्द्रित करना होगा.