बीजापुर : जिले के गंगालूर थाने के एडसमेटा गांव में हुई कथित मुठभेड़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद CBI की टीम जांच के लिए रवाना हो गई है. चार सदस्यीय टीम एड़समेटा पहुंचकर पीड़ित परिवार वालों का बयान दर्ज करेगी. इसके लिए पीड़ित परिवार और ग्रामीण घटना स्थल पर इंतजार कर रहे हैं.
CBI की जांच टीम गुरुवार को बीजापुर पहुंची थी, जहां कलेक्टोरेट में अधिकारियों से मुलाकात की और मामले से संबंधित पूरी जानकारी ली. तकरीबन दो घंटे तक टीम ने कथित मुठभेड़ से जुड़े दस्तावेज खंगालती रही.
मुठभेड़ में 9 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि 17 मई 2013 की रात को एड़समेटा के गंगालूर स्थित CRPF कैंप से जवानों की टीम सर्च ऑपरेशन पर निकली थी, लेकिन अचानक पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें जिसमें तीन नाबालिग समेत नौ की मौत हो गई थी. वहीं 11 लोग घायल हुए थे. मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हुआ था, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि जवानों ने बीज पंडुम मना रहे ग्रामीणों पर मनमानीपूर्वक गोलियां बरसायी थी.
6 साल पुरानी मुठभेड़ की सच्चाई खंगाल रही CBI
बताया जा रहा है कि एक घायल ग्रामीण जिसको गोली लगी थी वह आज भी जिंदा है, जो एड्समेटा में है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि पिछले 6 साल से उसे लगी गोली आज भी उसके शरीर में है, जिसे उसने शरीर में जहर फैल जाने के डर से आज तक नहीं निकलवाया है. इस मुठभेड़ की अनसुलझी गुत्थी को CBI एड़्समेटा के लोगों के बयानों से सुलझाएगी, जो पिछले 6 साल से कागजों में दफन है.