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Bilaspur Shanti Kabaddi Sangh Torva : बिलासपुर में खेल मैदान की मांग को लेकर शांति कबड्डी संघ तोरवा पहुंचा कलेक्ट्रेट - तोरवा का प्रांतीय कबड्डी संघ राजकिशोर नगर

Bilaspur Shanti Kabaddi Sangh Torva: बिलासपुर में खेल मैदान की मांग को लेकर शांति कबड्डी संघ के खिलाड़ी तोरवा कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान खिलाड़ियों ने अपने कबड्डी मैदान को न छीनने की मांग की है.

Shanti Kabaddi Sangh Torva reached Collectorat
शांति कबड्डी संघ तोरवा पहुंचा कलेक्ट्रेट
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Published : Jul 5, 2023, 11:18 PM IST

कबड्डी संघ तोरवा के खिलाड़ियों का प्रदर्शन

बिलासपुर: बिलासपुर में तोरवा के प्रांतीय कबड्डी संघ ने अपने खेल मैदान को बचाने के लिए कलेक्टर से मांग की है. खिलाड़ी पिछले 12 सालों से जिस मैदान में प्रैक्टिस करते हैं, उस मैदान को अब नगर निगम और स्मार्ट सिटी छीन रही है. इससे कबड्डी खिलाड़ियों की परेशानी बढ़ गई है. खिलाड़ियों ने मांग की है कि, इन्हें उसी जगह को अलॉट कर दिया जाए, जहां पर ये कबड्डी की प्रैक्टिस करते आ रहे हैं.

कलेक्टर के पास पहुंचे खिलाड़ी: तोरवा का प्रांतीय कबड्डी संघ राजकिशोर नगर के पास छठघाट के सामने खाली मैदान को कबड्डी मैदान बनाकर सालों से प्रैक्टिस कर रहा है. इस मैदान में खेलने वाले कई खिलाड़ी डिस्ट्रिक्ट और राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं. लेकिन अब इन खिलाड़ियों से ये खेल मैदान छीना जा रहा है. स्मार्ट सिटी यहां सिलाई कढ़ाई सेंटर बना रहा है. इससे खिलाड़ियों का खेल मैदान छिन जाएगा. अपनी मांग को लेकर खिलाड़ी कलेक्टर के पास पहुंचे हैं.

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प्रैक्टिस करते हैं कबड्डी खिलाड़ी: जिला प्रशासन ने अरपा नदी के उस पार केवल एक ही ऐसा ग्राउंड बनाया है, जिसमें खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है. वह स्टेडियम जिला प्रशासन ने यहां जिला खेल परिसर के नाम से क्रिकेट के लिए तैयार किया है. लेकिन अन्य खेलों के खिलाड़ियों के लिए मैदान तैयार न होने के कारण खिलाड़ियों को इधर-उधर मैदान तैयार कर प्रैक्टिस करना पड़ता है. जिला खेल परिसर में क्रिकेट के अलावा दूसरा खेल मैदान नहीं है.

मैदान नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल के लिए खेल मैदान तलाश करने के लिए भटकना पड़ता है. कबड्डी खिलाड़ियों के लिए खेल मैदान उपलब्ध न होने की वजह से वे अरपा नदी के किनारे खुद ही मैदान तैयार कर रहे हैं. लेकिन अब वह भी इनसे छीना जा रहा है. दरअसल, कबड्डी भारत का खेल है, लेकिन अब इसकी पहचान विश्व में होने लगी है. विदेशों में भी कबड्डी खेली जाने लगी है. इस खेल में लोगों को स्कोप भी मिल रहा है.यही कारण है कि इस समय कबड्डी खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

कबड्डी संघ तोरवा के खिलाड़ियों का प्रदर्शन

बिलासपुर: बिलासपुर में तोरवा के प्रांतीय कबड्डी संघ ने अपने खेल मैदान को बचाने के लिए कलेक्टर से मांग की है. खिलाड़ी पिछले 12 सालों से जिस मैदान में प्रैक्टिस करते हैं, उस मैदान को अब नगर निगम और स्मार्ट सिटी छीन रही है. इससे कबड्डी खिलाड़ियों की परेशानी बढ़ गई है. खिलाड़ियों ने मांग की है कि, इन्हें उसी जगह को अलॉट कर दिया जाए, जहां पर ये कबड्डी की प्रैक्टिस करते आ रहे हैं.

कलेक्टर के पास पहुंचे खिलाड़ी: तोरवा का प्रांतीय कबड्डी संघ राजकिशोर नगर के पास छठघाट के सामने खाली मैदान को कबड्डी मैदान बनाकर सालों से प्रैक्टिस कर रहा है. इस मैदान में खेलने वाले कई खिलाड़ी डिस्ट्रिक्ट और राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं. लेकिन अब इन खिलाड़ियों से ये खेल मैदान छीना जा रहा है. स्मार्ट सिटी यहां सिलाई कढ़ाई सेंटर बना रहा है. इससे खिलाड़ियों का खेल मैदान छिन जाएगा. अपनी मांग को लेकर खिलाड़ी कलेक्टर के पास पहुंचे हैं.

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प्रैक्टिस करते हैं कबड्डी खिलाड़ी: जिला प्रशासन ने अरपा नदी के उस पार केवल एक ही ऐसा ग्राउंड बनाया है, जिसमें खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है. वह स्टेडियम जिला प्रशासन ने यहां जिला खेल परिसर के नाम से क्रिकेट के लिए तैयार किया है. लेकिन अन्य खेलों के खिलाड़ियों के लिए मैदान तैयार न होने के कारण खिलाड़ियों को इधर-उधर मैदान तैयार कर प्रैक्टिस करना पड़ता है. जिला खेल परिसर में क्रिकेट के अलावा दूसरा खेल मैदान नहीं है.

मैदान नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल के लिए खेल मैदान तलाश करने के लिए भटकना पड़ता है. कबड्डी खिलाड़ियों के लिए खेल मैदान उपलब्ध न होने की वजह से वे अरपा नदी के किनारे खुद ही मैदान तैयार कर रहे हैं. लेकिन अब वह भी इनसे छीना जा रहा है. दरअसल, कबड्डी भारत का खेल है, लेकिन अब इसकी पहचान विश्व में होने लगी है. विदेशों में भी कबड्डी खेली जाने लगी है. इस खेल में लोगों को स्कोप भी मिल रहा है.यही कारण है कि इस समय कबड्डी खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

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