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शादी के 19 साल बाद पत्नी हुई गर्भवती, बच्चे को देखने से पहले शहीद हो गए किशोर

बीजापुर नक्सली हमले में शहीद 22 जवानों में चेरपाल के रहने वाले किशोर एंड्रीक भी शामिल थे. उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उनकी पत्नी 4 महीने की गर्भवती हैं और इधर बच्चे ने दुनिया में आने से पहले ही अपने पिता को हमेशा के लिए खो दिया है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि किशोर और रिंकी शादी के 19 सालों के बाद माता-पिता बनने वाले थे, लेकिन उनकी खुशियों को नक्सलियों ने ग्रहण लगा दिया. अब उनकी पत्नी को अपनी आने वाली संतान और परिवार के पालन-पोषण की चिंता सता रही है.

Martyr soldier Kishore Andreek wife
शहीद जवान किशोर एंड्रीक की पत्नी
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Published : Apr 9, 2021, 6:24 AM IST

Updated : Apr 10, 2021, 8:21 PM IST

बीजापुर: 19 साल का इंतजार बस कुछ महीनों में खत्म होने वाला था. अपने हाथों में नन्हे-नन्हे मखमली हाथों को लेने का इंतजार था. गोद में अपने अंश को खिलाने के लिए मन आतुर था. घर में उस नन्ही सी जान की किलकारियों को सुनने के लिए कान तरस रहे थे, लेकिन इन सारी ख्वाहिशों को ग्रहण लगा दिया कायर नक्सलियों ने, जिन्होंने 3 अप्रैल को निर्दोष 22 जवानों के खून से होली खेली. और इसमें बीजापुर के जवान किशोर एंड्रीक भी शहीद हो गए.

19 साल बाद बनने वाले थे पिता, बीजापुर हमले में हुए शहीद

किशोर एंड्रीक बीजापुर नक्सली हमले में हुए शहीद

3 अप्रैल को तर्रेम थाना क्षेत्र के जोनागुड़ा में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए. इनमें किशोर एंड्रीक भी थे. किशोर 19 सालों के बाद पिता बनने वाले थे. उनकी पत्नी रिंकी अभी 4 महीने की गर्भवती हैं. दोनों पति-पत्नी को अपने प्यार की इस निशानी का बेसब्री से इंतजार था. दोनों ने साथ-साथ इस बच्चे को पालने का सपना देखा था. सुनहरे भविष्य के मंसूबे बांधे थे, लेकिन 3 अप्रैल को किशोर की शहादत के साथ ही कई सपने चकनाचूर होकर बिखर गए.

'वो मेरे पति बाद में हैं, पहले आपके जवान हैं, सरकार उन्हें वापस लाए'

शहीद किशोर की पत्नी हैं 4 महीने की प्रेगनेंट

अब गर्भवती पत्नी रिंकी एंड्रीक सदमे में हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनसे बात की, तो उनका दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आया. इतने सालों के बाद मां बनने की खुशी को पति की मौत ने झिंझोड़ कर रख दिया है. वहीं जब वो लाडला इस दुनिया में कदम रखेगा, तो उसे भी अपने पिता के साए से महरूम रहना होगा. नक्सलियों के पाप आखिर कब तक उन्हें बचाएंगे कि उन्होंने एक नन्ही सी जान के दुनिया में आने से पहले ही उसके सिर से पिता का साया छीन लिया. उसकी मां को दुनिया के झंझावातों का सामना करने के लिए अकेले छोड़ दिया.

चेरपाल के रहने वाले थे किशोर एंड्रीक

शहीद जवान किशोर एंड्रीक जिला मुख्यालय से 15 किलो मीटर दूर बीजापुर और गंगालूर के बीच चेरपाल के रहने वाले थे. शहीद जवान के माता-पिता सालों पहले ही गुजर चुके हैं. किशोर के हेमंत, मनीष, तुषार ये तीन भाई हैं. तीनों भाईयों का पालन-पोषण किशोर ही करते थे.

बीजापुर नक्सली मुठभेड़: 22 जवान शहीद और 31 घायल, 1 जवान लापता

2002 में किशोर का हुआ था विवाह

किशोर एंड्रीक का जन्म 6 मई 1981 में हुआ था और सहायक आरक्षक पद पर वे 31 दिसम्बर 2011 में भर्ती हुए थे. किशोर की शादी 2002 में रिंकी से चेरपाल गांव में ही हुई थी. विवाह के 19 सालों के बाद शहीद किशोर की पत्नी इस समय 4 माह की गर्भवती हैं.

Martyr soldier Kishore Andreek wife
शहीद जवान किशोर एंड्रीक की पत्नी

शहीद की पत्नी को आगे के जीवन की चिंता

अब 4 माह की गर्भवती पत्नी रिंकी को अपने आगे के जीवन की चिंता है. अब उन्हें उम्मीद है कि आगे उनके और उनकी होने वाली संतान के लिए सरकार सहायता दे, ताकि वे जीवनयापन कर सकें. उन्हें अपने देवरों को भी पालना है और अपने पति के अधूरे सपनों और जिम्मेदारियों को भी पूरा करना है. उन्हें चिंता है कि वे खुद शिक्षित नहीं हैं, ऐसे में उन्हें कैसे नौकरी मिलेगी, वे क्या करेंगी. ईटीवी भारत की भी सरकार से अपील है कि वे शहीद जवानों के परिवारों का ख्याल उनके बेटों के जाने के बाद उठाए और उन्हें बेहतर जिंदगी जीने के साधनों को मुहैया कराए.

एक साथ विदा हुए तिरंगे में लिपटे 22 जवान, रो पड़े लोग

बीजापुर नक्सल हमले में 22 जवान हुए हैं शहीद

बीजापुर में हुए नक्सली मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए और 31 जवान घायल हुए हैं. वहीं जम्मू-कश्मीर का रहने वाला एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने अगवा किया था. जिन्हें नक्सलियों ने बाद में रिहा कर दिया.

बीजापुर: 19 साल का इंतजार बस कुछ महीनों में खत्म होने वाला था. अपने हाथों में नन्हे-नन्हे मखमली हाथों को लेने का इंतजार था. गोद में अपने अंश को खिलाने के लिए मन आतुर था. घर में उस नन्ही सी जान की किलकारियों को सुनने के लिए कान तरस रहे थे, लेकिन इन सारी ख्वाहिशों को ग्रहण लगा दिया कायर नक्सलियों ने, जिन्होंने 3 अप्रैल को निर्दोष 22 जवानों के खून से होली खेली. और इसमें बीजापुर के जवान किशोर एंड्रीक भी शहीद हो गए.

19 साल बाद बनने वाले थे पिता, बीजापुर हमले में हुए शहीद

किशोर एंड्रीक बीजापुर नक्सली हमले में हुए शहीद

3 अप्रैल को तर्रेम थाना क्षेत्र के जोनागुड़ा में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए. इनमें किशोर एंड्रीक भी थे. किशोर 19 सालों के बाद पिता बनने वाले थे. उनकी पत्नी रिंकी अभी 4 महीने की गर्भवती हैं. दोनों पति-पत्नी को अपने प्यार की इस निशानी का बेसब्री से इंतजार था. दोनों ने साथ-साथ इस बच्चे को पालने का सपना देखा था. सुनहरे भविष्य के मंसूबे बांधे थे, लेकिन 3 अप्रैल को किशोर की शहादत के साथ ही कई सपने चकनाचूर होकर बिखर गए.

'वो मेरे पति बाद में हैं, पहले आपके जवान हैं, सरकार उन्हें वापस लाए'

शहीद किशोर की पत्नी हैं 4 महीने की प्रेगनेंट

अब गर्भवती पत्नी रिंकी एंड्रीक सदमे में हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनसे बात की, तो उनका दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आया. इतने सालों के बाद मां बनने की खुशी को पति की मौत ने झिंझोड़ कर रख दिया है. वहीं जब वो लाडला इस दुनिया में कदम रखेगा, तो उसे भी अपने पिता के साए से महरूम रहना होगा. नक्सलियों के पाप आखिर कब तक उन्हें बचाएंगे कि उन्होंने एक नन्ही सी जान के दुनिया में आने से पहले ही उसके सिर से पिता का साया छीन लिया. उसकी मां को दुनिया के झंझावातों का सामना करने के लिए अकेले छोड़ दिया.

चेरपाल के रहने वाले थे किशोर एंड्रीक

शहीद जवान किशोर एंड्रीक जिला मुख्यालय से 15 किलो मीटर दूर बीजापुर और गंगालूर के बीच चेरपाल के रहने वाले थे. शहीद जवान के माता-पिता सालों पहले ही गुजर चुके हैं. किशोर के हेमंत, मनीष, तुषार ये तीन भाई हैं. तीनों भाईयों का पालन-पोषण किशोर ही करते थे.

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2002 में किशोर का हुआ था विवाह

किशोर एंड्रीक का जन्म 6 मई 1981 में हुआ था और सहायक आरक्षक पद पर वे 31 दिसम्बर 2011 में भर्ती हुए थे. किशोर की शादी 2002 में रिंकी से चेरपाल गांव में ही हुई थी. विवाह के 19 सालों के बाद शहीद किशोर की पत्नी इस समय 4 माह की गर्भवती हैं.

Martyr soldier Kishore Andreek wife
शहीद जवान किशोर एंड्रीक की पत्नी

शहीद की पत्नी को आगे के जीवन की चिंता

अब 4 माह की गर्भवती पत्नी रिंकी को अपने आगे के जीवन की चिंता है. अब उन्हें उम्मीद है कि आगे उनके और उनकी होने वाली संतान के लिए सरकार सहायता दे, ताकि वे जीवनयापन कर सकें. उन्हें अपने देवरों को भी पालना है और अपने पति के अधूरे सपनों और जिम्मेदारियों को भी पूरा करना है. उन्हें चिंता है कि वे खुद शिक्षित नहीं हैं, ऐसे में उन्हें कैसे नौकरी मिलेगी, वे क्या करेंगी. ईटीवी भारत की भी सरकार से अपील है कि वे शहीद जवानों के परिवारों का ख्याल उनके बेटों के जाने के बाद उठाए और उन्हें बेहतर जिंदगी जीने के साधनों को मुहैया कराए.

एक साथ विदा हुए तिरंगे में लिपटे 22 जवान, रो पड़े लोग

बीजापुर नक्सल हमले में 22 जवान हुए हैं शहीद

बीजापुर में हुए नक्सली मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए और 31 जवान घायल हुए हैं. वहीं जम्मू-कश्मीर का रहने वाला एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने अगवा किया था. जिन्हें नक्सलियों ने बाद में रिहा कर दिया.

Last Updated : Apr 10, 2021, 8:21 PM IST
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