बीजापुरः चिटफंड कंपनियों (chit fund companies) के झांसे में आकर रकम गंवाने वालों की सुध अब भूपेश सरकार ने ली है. इसको लेकर सरकार के निर्देश पर प्रशासन स्तर से पीड़ितों की संख्या और ठगी की राशि का ब्योरा एकत्रित करने का काम शुरू कर दिया गया है. बीजापुर जिले के कलेक्टर कार्यालय स्थित सुविधा केंद्र में आवेदन जमा करने की सुविधा दी गई है. यहां पिछले कई दिनों से जिले भर के निवेशक अपनी जमा पूंजी की वापसी की आस लिये आवेदन फॉर्म जमा करने पहुंच रहे हैं.
कम समय में ही रकम दोगुनी होने की लालच में फंसे थे लोग
गौरतलब है कि करीब 8-10 वर्ष पहले राज्य भर में चिटफंड कंपनियां कुकुरमुत्ते की तरह उग आई थीं. स्थानीय एजेंटों ने कम समय में लोगों को उनकी रकम दोगुनी करने का आश्वासन देकर निवेशकों को बकायदा बांड दिया. एकमुश्त अच्छी राशि मिलने की उम्मीद में लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई की राशि चिटफंड कंपनी के हवाले कर दी. जब रकम वापस नहीं देने की बारी आई तो एक-एक कर चिटफंड कंपनियां बोरिया-बिस्तर बांध कर चंपत होने लगीं.
पीड़ितों को राहत दिलाने का कांग्रेस ने किया था वादा
इधर, चिटफंड कंपनी सहारा इंडिया लिमिटेड ने निवेशकों की मैच्युरिटी रकम को सहारा के अन्य योजनाओं में पुनः फिक्स डिपॉजिट करायी थी. कांग्रेस सरकार ने चुनाव के दौरान चिटफंड कंपनी के पीड़ितों को राहत दिलाने का वादा किया था. इस पर अमल करने गृह मंत्रालय से निवेशकों का ब्योरा एकत्र करने के निर्देश दिये गए हैं. इसके तहत कलेक्ट्रेट कैंपस स्थित सुविधा केंद्र में ठगी के शिकार लोगों से आवेदन लिये जा रहे हैं. आदेश के प्रचार-प्रसार के बाद सालों से अपनी पूंजी की आस लगाए बैठे निवेशकों में उम्मीद की किरण जगी है. गौरतलब है कि बीजापुर जिले में साईं प्रसाद लिमिटेड गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड सहारा इंडिया समेत दर्जनों चिटफंड कंपनियां सक्रिय रहे इन कंपनियों के स्थानीय एजेंटों ने कम समय से रकम दोगुना करने का आश्वासन देकर स्थानीय लोगों को निशाना बनाया था.