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नक्सलियों का कबूलनामा, एक साल में मारे गए 43 नक्सली

साल 2020 नक्सलियों पर काफी भारी रहा. ये खुद नक्सलियों ने कबूल किया है. दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि साल भर में 43 नक्सली मारे गए.

43 Naxalites killed by security forces in Chhattisgarh
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Published : Feb 9, 2021, 5:37 PM IST

बीजापुर: नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी किया है. नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने जारी किए प्रेस नोट में बताया कि पिछले एक साल में 43 नक्सलियों की मौत हुई है. इन नक्सलियों की मौत मुठभेड़,बीमारी और दुर्घटनाओं में हुई. मृतक नक्सलियों में दो ACM, एक PCCM और एक प्लाटून सदस्य समेत 43 नक्सली शामिल है. जवानों के लिए लगाए गए बूबी ट्रेप में फंसकर एक महिला नक्सली की भी मौत हो चुकी है.

ये मुठभेड़ बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में पिछले एक साल में हुई. नक्सलियों ने 7 फरवरी से भूमकाल की 111वीं वर्षगांठ मनाने की भी अपील की.

बैनर-पोस्टर लगाकर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किसने किया ?

भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान

कांकेर जिले के अन्तागढ़ विकासखंड मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर लगाकर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किया. नक्सलियों ने अन्तागढ़-आमाबेड़ा मार्ग पर पेड़ों में बैनर बांधे. इस दौरान कई जगह रास्ते में पोस्टर भी फेंके गए.

भूमकाल दिवस

बस्तर में शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर साल सर्व आदिवासी समाज 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाता है. इस साल शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस की 111वीं जयंती हैं. देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष का शंखनाद करते हुए भूमकाल की शुरूआत की गई थी. भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन, जिसमें भूमकाल के महानायक शहीद गुण्डाधुर, डेबरीधूर और अन्य क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया था.'

बीजापुर: नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी किया है. नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने जारी किए प्रेस नोट में बताया कि पिछले एक साल में 43 नक्सलियों की मौत हुई है. इन नक्सलियों की मौत मुठभेड़,बीमारी और दुर्घटनाओं में हुई. मृतक नक्सलियों में दो ACM, एक PCCM और एक प्लाटून सदस्य समेत 43 नक्सली शामिल है. जवानों के लिए लगाए गए बूबी ट्रेप में फंसकर एक महिला नक्सली की भी मौत हो चुकी है.

ये मुठभेड़ बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में पिछले एक साल में हुई. नक्सलियों ने 7 फरवरी से भूमकाल की 111वीं वर्षगांठ मनाने की भी अपील की.

बैनर-पोस्टर लगाकर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किसने किया ?

भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान

कांकेर जिले के अन्तागढ़ विकासखंड मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर लगाकर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किया. नक्सलियों ने अन्तागढ़-आमाबेड़ा मार्ग पर पेड़ों में बैनर बांधे. इस दौरान कई जगह रास्ते में पोस्टर भी फेंके गए.

भूमकाल दिवस

बस्तर में शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर साल सर्व आदिवासी समाज 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाता है. इस साल शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस की 111वीं जयंती हैं. देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष का शंखनाद करते हुए भूमकाल की शुरूआत की गई थी. भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन, जिसमें भूमकाल के महानायक शहीद गुण्डाधुर, डेबरीधूर और अन्य क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया था.'

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