बेमेतरा: जिले के ग्राम पंचायत अंधियारखोर में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन के निर्माण के 50 साल बाद भी अबतक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. ग्रामीणों को उप स्वास्थ्य केंद्र का कोई भी लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है. ग्रामीण इलाज के लिए नवागढ़ और बेमेतरा जाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से डॉक्टरों की भर्ती की गुहार लगाई है.
अंधियारखोर के रहने वाले पंडित शरद प्रसाद मिश्रा और पंचम सिंह राजपूत ने बताया कि गांव में 50 साल पहले अस्पताल का निर्माण हो चुका है. वहीं बीच में एक महिला डॉक्टर की भी भर्ती हुई थी, जिन्होंने कभी अस्पताल की ओर निहार कर नहीं देखा. अब आलम यह है कि यहां कोई भी डॉक्टर नहीं है, जिसके कारण उन्हें छोटी-छोटी चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी नवागढ़ और बेमेतरा जाना पड़ता है.
अस्पताल में डॉक्टर और नर्स की नियुक्ति की मांग
गांव के अस्पताल भवन में हर साल रंगाई-पोताई कर दी जाती है, जो महज शोपीस बनकर रह गया है. जिसका लाभ ग्रामीण महिलाओं, नन्हे बच्चों और बुजुर्गों को मिलता नजर नहीं आ रहा है. गांव के लोगों ने मीडिया के माध्यम से यह मांग की है कि उनके गांव के अस्पताल में जल्द से जल्द डॉक्टर और नर्स की भर्ती की जाए.
पढ़े- बेमेतरा: स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म
बता दें कि ग्राम नवागढ़ ब्लॉक का अंधियारखोर गांव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित भगवती प्रसाद मिश्रा की जन्मभूमि है, जिसके बाद भी गांव की लगातार अनदेखी की जा रही है. गांव में जहां चारो तरफ गंदगी पसरी हुई है. वहीं अस्पताल होने के बाद भी डॉक्टर नहीं हैं.
मामले में पूछे जाने पर CMHO डॉ. सतीश शर्मा गोलमोल जवाब देते हुए मलेरिया कर्मचारी के अंधियारखोर में रहने का हवाला देते हुए सवाल से बचते नजर आए.