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ताक पर कानून: बिना कमर्शियल परमिट दौड़ रही गाड़ियां

शहर में बिना कमर्शियल परमिट के कई गाड़ियां दौड़ रही है. परिवहन विभाग भी कार्रवाई करने में नाकाम नजर आ रहा है. गाड़ियों का परमिट नहीं होने से सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है.

Vehicles running without commercial permit
बिना कमर्शियल परमिट के दौड़ रहे कैब
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Published : Jan 8, 2021, 10:15 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 10:25 PM IST

बेमेतरा: शहर में बिना कमर्शियल परमिट के सवारी गाड़ी, टैक्सी और मालवाहक गाड़ी धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. जिसमें परिवहन विभाग के लापरवाही के चलते कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. विभाग की उदासीनता के चलते वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं. शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है. मालवाहक और सवारी वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर परिवहन विभाग शासन की आंखों में धूल झोंकता नजर आ रहा है.

बिना कमर्शियल परमिट के दौड़ रहे कैब

जिला परिवहन कार्यालय के आंकड़ों की मानें तो बेमेतरा जिले में कई सवारी गाड़ियां, टैक्सी और मालवाहक वाहन बिना टैक्स पटाए ही सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. जिन पर परिवहन विभाग लगाम लगाने में नाकाम नजर आ रहा है. परिवहन विभाग न छापामार कार्रवाई कर रहा है और न ही कमर्शियल कराए जाने को लेकर प्रचार-प्रसार कर रहा है. जिसके अभाव में शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

जिले में कुल 1689 कर्मशियल वाहन

जिले में 4 एंबुलेंस, ट्राली नुमा 6 वाहन, 18 बस, 3 कंपर वेन, 115 स्कूली बस, 11 ई-रिक्सा, ट्रांसपोर्ट वाहन 1 हजार 351, मैक्सी कैब 25, मोटर कैब 17, तीन पहिया ट्रांसपोर्ट वाहन 52, तीन पहिया माल वाहक गाड़ी 53 और 34 कर्मशियल ट्रैक्टर हैं.

पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: टैक्सी बुकिंग में गिरावट से ड्राइवर्स हताश

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा परिवहन विभाग

बेमेतरा जिला में परिवहन विभाग के पास न तो खुद का भवन है और न ही पर्याप्त कर्मचारी हैं. परिवहन विभाग अभी आईटीआई भवन में संचालित किया जा रहा है. विभाग में केवल 1 परिवहन अधिकारी और 2 कर्मचारी हैं. वहीं कार्यालय में न ही स्वीपर है और न ही चपरासी है. 3 कर्मचारियों से ही जैसे -तैसे परिवहन का काम कराया जा रहा है.

टैक्सी चालक क्यों नहीं कराते पंजीयन

ETV भारत ने टैक्सी चालकों से वाहनों को कमर्शियल नहीं कराए जाने के बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि कमर्शियल कराए जाने पर उनके उपर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. उनकी आर्थिक हालत कोरोना संक्रमण के कारण खराब हो गई है. चालकों का कहना है कि जिले में उतनी बुकिंग ही नहीं मिल पाती है, जितना टैक्स उन्हें गाड़ी को कमर्शियल कराने में लगेगा. टैक्सी मालिक और वाहन चालकों ने बताया कि जिले में अबतक टैक्सी स्टैंड नहीं बनाया गया है. उन्हें टैक्सी खड़ी करने के लिए अभी तक जगह नहीं दी गई है. जिले में चल रहे सड़क चौड़ीकरण के कार्य के कारण बार-बार जगह बदलने के कारण उनके व्यवसाय पर असर पड़ा है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोनाकाल में कैब बुकिंग में कमी, ड्राइवरों की आमदनी पर लगा ब्रेक

परिवहन विभाग करे चेकिंग: भाजपा नेता

भाजपा नेता सागर साहू ने कहा कि विभाग के पास केवल 3 ही कर्मचारी हैं. वह आखिर क्या-क्या करेंगे. शासन को कर्मचारियों की भर्ती करना चाहिए. परिवहन विभाग के कर्मचारियों को जगह-जगह चेकिंग कर वाहनों को कमर्शियल करना चाहिए.

रजिस्टर्ड होंगे वाहन: कलेक्टर

कलेक्टर शिव अनंत आयल ने कहा कि इस मामले को संज्ञान में लिया जाएगा. बिना रजिस्टर्ड वाहनों को रजिस्टर्ड कराया जाएगा और उनका नियमितीकरण किया जाएगा. इसके साथ ही जो अर्थदंड शुल्क होगा उसकी भी वसूल की जाएगी.

बेमेतरा: शहर में बिना कमर्शियल परमिट के सवारी गाड़ी, टैक्सी और मालवाहक गाड़ी धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. जिसमें परिवहन विभाग के लापरवाही के चलते कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. विभाग की उदासीनता के चलते वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं. शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है. मालवाहक और सवारी वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर परिवहन विभाग शासन की आंखों में धूल झोंकता नजर आ रहा है.

बिना कमर्शियल परमिट के दौड़ रहे कैब

जिला परिवहन कार्यालय के आंकड़ों की मानें तो बेमेतरा जिले में कई सवारी गाड़ियां, टैक्सी और मालवाहक वाहन बिना टैक्स पटाए ही सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. जिन पर परिवहन विभाग लगाम लगाने में नाकाम नजर आ रहा है. परिवहन विभाग न छापामार कार्रवाई कर रहा है और न ही कमर्शियल कराए जाने को लेकर प्रचार-प्रसार कर रहा है. जिसके अभाव में शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

जिले में कुल 1689 कर्मशियल वाहन

जिले में 4 एंबुलेंस, ट्राली नुमा 6 वाहन, 18 बस, 3 कंपर वेन, 115 स्कूली बस, 11 ई-रिक्सा, ट्रांसपोर्ट वाहन 1 हजार 351, मैक्सी कैब 25, मोटर कैब 17, तीन पहिया ट्रांसपोर्ट वाहन 52, तीन पहिया माल वाहक गाड़ी 53 और 34 कर्मशियल ट्रैक्टर हैं.

पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: टैक्सी बुकिंग में गिरावट से ड्राइवर्स हताश

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा परिवहन विभाग

बेमेतरा जिला में परिवहन विभाग के पास न तो खुद का भवन है और न ही पर्याप्त कर्मचारी हैं. परिवहन विभाग अभी आईटीआई भवन में संचालित किया जा रहा है. विभाग में केवल 1 परिवहन अधिकारी और 2 कर्मचारी हैं. वहीं कार्यालय में न ही स्वीपर है और न ही चपरासी है. 3 कर्मचारियों से ही जैसे -तैसे परिवहन का काम कराया जा रहा है.

टैक्सी चालक क्यों नहीं कराते पंजीयन

ETV भारत ने टैक्सी चालकों से वाहनों को कमर्शियल नहीं कराए जाने के बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि कमर्शियल कराए जाने पर उनके उपर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. उनकी आर्थिक हालत कोरोना संक्रमण के कारण खराब हो गई है. चालकों का कहना है कि जिले में उतनी बुकिंग ही नहीं मिल पाती है, जितना टैक्स उन्हें गाड़ी को कमर्शियल कराने में लगेगा. टैक्सी मालिक और वाहन चालकों ने बताया कि जिले में अबतक टैक्सी स्टैंड नहीं बनाया गया है. उन्हें टैक्सी खड़ी करने के लिए अभी तक जगह नहीं दी गई है. जिले में चल रहे सड़क चौड़ीकरण के कार्य के कारण बार-बार जगह बदलने के कारण उनके व्यवसाय पर असर पड़ा है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोनाकाल में कैब बुकिंग में कमी, ड्राइवरों की आमदनी पर लगा ब्रेक

परिवहन विभाग करे चेकिंग: भाजपा नेता

भाजपा नेता सागर साहू ने कहा कि विभाग के पास केवल 3 ही कर्मचारी हैं. वह आखिर क्या-क्या करेंगे. शासन को कर्मचारियों की भर्ती करना चाहिए. परिवहन विभाग के कर्मचारियों को जगह-जगह चेकिंग कर वाहनों को कमर्शियल करना चाहिए.

रजिस्टर्ड होंगे वाहन: कलेक्टर

कलेक्टर शिव अनंत आयल ने कहा कि इस मामले को संज्ञान में लिया जाएगा. बिना रजिस्टर्ड वाहनों को रजिस्टर्ड कराया जाएगा और उनका नियमितीकरण किया जाएगा. इसके साथ ही जो अर्थदंड शुल्क होगा उसकी भी वसूल की जाएगी.

Last Updated : Jan 8, 2021, 10:25 PM IST
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